दर्शन की प्यासी नजरिया मैया लीजे खबरिया
(मुखड़ा)
दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया।।
(अंतरा)
खप्पर वाली माँ जगदंबा,
चंडी, ज्वाला, अंबा-अंबा,
ओढ़े लाल चुनरिया,
मैया लीजे खबरिया।।
रण में महिषासुर को मारे,
माँ का शेरा जब हुंकारे,
दीखे लाल नजरिया,
मैया लीजे खबरिया।।
खंजर, चक्र, त्रिशूल संभाले,
लाल नयन और जीभ निकाले,
चुनरी रंग केसरिया,
मैया लीजे खबरिया।।
गाते गुण माँ, भगत तुम्हारे,
आन बसो माँ, हृदय हमारे,
राजेंद्र की सुन लो अरजिया,
मैया लीजे खबरिया।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया।।
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