सूता शेर जंगल का राजा उसे जगाणा ना चाहिए लिरिक्स Soota Sher Jangal Ka Raja Lyrics
सुता सुता क्या करों, और सुता ने आवें नींद
जम सिराणे आय खड़ा ज्यूँ तोरण आया बींद (दूल्हा),
सूता शेर जंगल का राजा उसे जगाणा ना चाहिए,
अरे भाई, उसे जगाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
अरे, सूता शेर जंगल का राजा उसे जगाणा ना चाहिए,
अरे भाई, उसे जगाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
देकर के विश्वास किसी को घात लगाणा ना चाहिए,
पर नारी के सपने में भी हाथ लगाणा ना चाहिए,
अग्नि ब्रामण गौ माता के लात लगाणा ना चाहिए,
सतसंगत में जाकर के थोथी बात बनाणा ना चाहिए
कहना चाहिए मुख के उपर, चुगली खाणा ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
दया धर्म और सत कर्म, में देर लगाणा ना चाहिए,
अरे भाई देर लगाणा ना चाहिए,
कुआँ बावड़ी रस्ता उपर, कैर लगाणा ना चाहिए,
कैर (कटीला पौधा ) लगाणा ना चाहिए,
अरे हीना अपंग ) वर के स्याणी कन्या, लार (शादी ) लगाणा ना चाहिए
वक्त पड़्या अपनी छाती पे पैर लगाणा ना चाहिए २
रहना चाहिए सब से मिलकर, बैर बढाणा ना चाहिए,
अरे भाई बैर बढाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
कड़वा बोल किसी के दिल पर, चोट लगाणा ना चाहिए
अरे भाई चोट लगाणा ना चाहिए,
निरअपराध जान बूझकर खोट लगाणा ना चाहिए,
दूध छोड़ कर मद का प्याला होंठ लगाणा ना चाहिए,
अरे भाई होंठ लगाणा ना चाहिए,
चोरी जुआरी वेश्या के घर, लोट लगाणा ना चाहिए,
सुनना चाहिए सब लोगो की, शोर मचाणा ना चाहिए,
अरे भाई, शोर मचाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
बिना बुलाए पर घर अन्दर भूल के जाणा ना चाहिएं,
भाई भूल के जाणा ना चाहिए
दुश्मन के घर जाकर रोटी भूल के खाणा ना चाहिए
बहती जल की मझधारा में भूल के नहाणा ना चाहिए
हरी नारायण गन्दा गाना भूल के गाणा ना चाहिए
गाना चाहिए ताल मिलके, बेताल ये गाणा ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
जम सिराणे आय खड़ा ज्यूँ तोरण आया बींद (दूल्हा),
सूता शेर जंगल का राजा उसे जगाणा ना चाहिए,
अरे भाई, उसे जगाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से, प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
अरे, सूता शेर जंगल का राजा उसे जगाणा ना चाहिए,
अरे भाई, उसे जगाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
देकर के विश्वास किसी को घात लगाणा ना चाहिए,
पर नारी के सपने में भी हाथ लगाणा ना चाहिए,
अग्नि ब्रामण गौ माता के लात लगाणा ना चाहिए,
सतसंगत में जाकर के थोथी बात बनाणा ना चाहिए
कहना चाहिए मुख के उपर, चुगली खाणा ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
दया धर्म और सत कर्म, में देर लगाणा ना चाहिए,
अरे भाई देर लगाणा ना चाहिए,
कुआँ बावड़ी रस्ता उपर, कैर लगाणा ना चाहिए,
कैर (कटीला पौधा ) लगाणा ना चाहिए,
अरे हीना अपंग ) वर के स्याणी कन्या, लार (शादी ) लगाणा ना चाहिए
वक्त पड़्या अपनी छाती पे पैर लगाणा ना चाहिए २
रहना चाहिए सब से मिलकर, बैर बढाणा ना चाहिए,
अरे भाई बैर बढाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
कड़वा बोल किसी के दिल पर, चोट लगाणा ना चाहिए
अरे भाई चोट लगाणा ना चाहिए,
निरअपराध जान बूझकर खोट लगाणा ना चाहिए,
दूध छोड़ कर मद का प्याला होंठ लगाणा ना चाहिए,
अरे भाई होंठ लगाणा ना चाहिए,
चोरी जुआरी वेश्या के घर, लोट लगाणा ना चाहिए,
सुनना चाहिए सब लोगो की, शोर मचाणा ना चाहिए,
अरे भाई, शोर मचाणा ना चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
बिना बुलाए पर घर अन्दर भूल के जाणा ना चाहिएं,
भाई भूल के जाणा ना चाहिए
दुश्मन के घर जाकर रोटी भूल के खाणा ना चाहिए
बहती जल की मझधारा में भूल के नहाणा ना चाहिए
हरी नारायण गन्दा गाना भूल के गाणा ना चाहिए
गाना चाहिए ताल मिलके, बेताल ये गाणा ना चाहिए
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
राजा जोगी अग्नि जल से प्रीत लगाणा नहीं चाहिए,
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!! Anil Nagori !! सुता शेर जंगल का राजा !! अनिल नागौरी !!
SINGER ANIL NAGORI
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