रात भादो की थी छाई काली घटा लिरिक्स Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata Lyrics

रात भादो की थी छाई काली घटा लिरिक्स Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata Lyrics

 
रात भादो की थी छाई काली घटा लिरिक्स Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata Lyrics

रात भादो की थी, छाई काली घटा,
कृष्ण का जन्म लेना, गजब हो गया,
पहरे दार सभी, सो गए जेल के,
माया भगवन की रचना, गजब हो गया,
रात भादो की थी, छाई काली घटा,
कृष्ण का जन्म लेना, गजब हो गया,

लेके मोहन को, वासुदेव गोकुल चले,
नाम भगवन का, हृदय में लेके चले,
देखें यमुना के तट पे, है मोहन खड़े,
पैर यमुना का छूना, गजब हो गया,
रात भादो की थी, छाई काली घटा,

जाके गोकुल से, वासुदेव लाए लली,
और मोहन को छोड़ा, लली की जगह,
जब सुबह को ख़बर, कंस ने ये सुनी,
उसका धीरज ना बंधना, गजब हो गया,
रात भादो की थी, छाई काली घटा,

दौड़ा दौड़ा गया, वो पापी जेल में,
लेके फ़ौरन चला, वो उसे मारने,
ज्यों ही कन्या को, ऊपर उठाने लगा,
उसको ऊपर उठाना, गजब हो गया,
रात भादो की थी, छाई काली घटा,

उसने चाहा की मारुं, शिला से इसे,
छूट के वो गई, कन्या आकाश में,
करने आकाश वाणी, वो कन्या लगी,
तेरा कन्या को मारना, गजब हो गया,
रात भादो की थी, छाई काली घटा,
रात भादों की थी, छाई काली घटा,
कृष्ण का जन्म लेना, गजब हो गया,
पहरे दार सभी, सो गए जेल के,
माया भगवन की रचना, गजब हो गया,
रात भादो की थी, छाई काली घटा,
कृष्ण का जन्म लेना, गजब हो गया,


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