आओ म्हारा सांवरा म्हाने आवे ओलूड़ी लिरिक्स Aao Mhara Saanvra Mhane Aave Oludi Lyrics

आओ म्हारा सांवरा म्हाने आवे ओलूड़ी लिरिक्स Aao Mhara Saanvra Mhane Aave Oludi Lyrics

 
आओ म्हारा सांवरा म्हाने आवे ओलूड़ी लिरिक्स Aao Mhara Saanvra Mhane Aave Oludi Lyrics

मीरा बाई के भजन राजस्थान के जन मानस में रचे बसे हैं। क्षेत्र के अनुसार इसमें शब्दों का फेर बदल मिलता है। मीरा बाई के भजनों में विशेष रूप से विरह की भावना दिखती है। इस भजन में भी मीरा घनश्याम से विनय कर रही है की आप इस जीवात्मा के पास आओ, मुझे आपकी ओलूडी (याद ) सता रही है।

आओ म्हारा सांवरा, म्हाने आवे ओलूड़ी,
बाटाँ जोवे आपरी,आ मीरा मेड़तली,
आओं म्हारां साँवरा, सतावै ओलूड़ी।
 
गिरधर, मेरे सांवरिया (सांवरा) आप मुझसे मिलने के लिए आओ।मीरा बाई आपकी बाटा (राह देखना ) देख रही है।मीरा बाई आपका इन्तजार कर रही है।आओ मेरे साँवरिया आपकी याद सता रही है। Girdhar, (Sanwariya) please come to meet me (Meera Bai). Meera Bai is waiting for you (looking for the way). Meera Bai is waiting for you. Come, my Sanwariya.
 
बागों में हरियाली छाई, बोले कोयलड़ी,
क्यों म्हाने बिसराई, म्हारी साची प्रीतड़ली,
बागों मे हरियाली छाई, बोले कोयलडी,
क्यों म्हानें बिसराई, म्हारी साची प्रीतडली,
सावन री ऋतु आयी कान्हां,
सावन री ऋतु आयी कान्हा,
आवे याद घणी,
आओ म्हारा सांवरा, म्हाने आवे ओलूड़ी,
बाटाँ जोवे आपरी,आ मीरा मेड़तली।
 
बाग़ों (उद्यान) में हरियाली छा गई है (सावन की ऋतू आ गई है ) आपने मुझे क्यों भुला दिया है।बागों में कोयल बोलने लगी है। मेरी आपसे सच्ची प्रीत है। हे कृष्णा सावन की ऋतू आ गई है। मुझे आपकी याद सता रही है।

लोग दीवानी केवे जग में, म्हानें बनवारी,
लाज राखज्यो इन दासी री, साँवरा गिरधारी,
लोग दीवानी केवे जग में, म्हाने बनवारी,
लाज राखजो इन दासी री, सांवरा गिरधारी,
चक्र सुदर्शन धार पधारो,
चक्र सुदर्शन धार पधारो,
म्हारा श्याम धणी,
आओ म्हारा सांवरा, म्हाने आवे ओलूड़ी,
बाटाँ जोवे आपरी, आ मीरा मेड़तली।

जगत के लोग मुझे पागल कह रहे हैं, हे कृष्ण। इस दासी की आप लाज रखलो। आप सुदर्शन चक्र धारण करके पधारो (आओ). आपकी राह यह मीरा बाई (जो की मेड़ता की है) देख रही है।

कृष्ण कन्हैया मीरा बाई री, अरजी आप सुणो,
निज भगता रो बेडो कान्हा, भव सूँ पार करो,
कृष्ण कन्हैया मीरा बाई री, अरजी आप सुनो,
निज भगता रो बेड़ों कान्हा, भवसु पार करो,
दास अशोक चरण रो चाकर,
दास अशोक चरन रो चाकर,
सिर पर हाथ धरो,
 
हे कृष्ण कन्हैया, आप मेरी विनती सुनों अपने भक्तों का बेड़ा पार करो। अपने भक्तों को भव से पार करो। आपके चरणों का दास अशोक विनय कर रहा है।

आओ म्हारा सांवरा, म्हाने आवे ओलूड़ी,
बाटाँ जोवे आपरी,आ मीरा मेड़तली।
आओ म्हारा सांवरा, म्हाने आवे ओलूड़ी,
बाटाँ जोवे आपरी,आ मीरा मेड़तली,
आओं म्हारां साँवरा, सतावै ओलूड़ी।


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.

ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।  
 

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
+

एक टिप्पणी भेजें