चलि मेरी सखी हो वो लगन राम राया लिरिक्स Chali Meri Sakhi Ho Lagan Raam Raya Lyrics with Hindi Meaning
चलि मेरी सखी हो,वो लगन रांम राया।
जब तब काल बिनासै काया॥
जब लग लोभ मोह की दासी,तीरथ ब्रत न छूटै जम की पासी।
आवैगे जम के घालैगे बांटी,यहु तन जरि वीर होइगा माटी॥
कहै कबीर जे जनहरि रगिराता,पायौ राजा रांम परम पद दाता।
अथवा
चलि मेरी सखी हो वो लगन राम राया
चलि मेरी सखी हो, वो लगन राम राया।
जब तब काल बिनासै काया॥
जब लोभ मोह की दासी, तीरथ ब्रत न छूटै जंभ की पासी।
आवैंगे जम के घालैगे बांटी, यहु तन जरि बरि होइगा माटी।
कहै कबीर जे जन हरि रंगिराता, पायौ राजा राम परम पद दाता॥
जब तब काल बिनासै काया॥
जब लग लोभ मोह की दासी,तीरथ ब्रत न छूटै जम की पासी।
आवैगे जम के घालैगे बांटी,यहु तन जरि वीर होइगा माटी॥
कहै कबीर जे जनहरि रगिराता,पायौ राजा रांम परम पद दाता।
अथवा
चलि मेरी सखी हो वो लगन राम राया
चलि मेरी सखी हो, वो लगन राम राया।
जब तब काल बिनासै काया॥
जब लोभ मोह की दासी, तीरथ ब्रत न छूटै जंभ की पासी।
आवैंगे जम के घालैगे बांटी, यहु तन जरि बरि होइगा माटी।
कहै कबीर जे जन हरि रंगिराता, पायौ राजा राम परम पद दाता॥
कबीर पद के शब्दार्थ Word Meaning of Kakbir Pada
- लगन =प्रेम|
- बांटी =कुचल कर, मसलना
- चलि मेरी सखी -आत्मा से वार्ता है की मेरी आत्मा पूर्ण परमात्मा में लीन हो गई है।
- जब तब-कभी भी /अनिश्चित।
- बिनासै काया -काल के द्वारा काया का अंत कर दिया जाना।
- जम /जम्भ की पासी-काल की फाँस
- माटी -यह तन मिटटी से बना है और मिटटी में ही मिल जाना है।
- जरि बरि -जल बुझ कर।
कबीर के पद का हिंदी मीनिंग Hindi Meaning of Kabir Pada :
आत्मा को सखी से सम्बोधित करते हुए कबीर साहेब की वाणी है की हे सखी (आत्मा) चलो राम (परम पूर्ण ब्रह्म) के अंदर लीन हो जाएं। यह काल किसी भी वक़्त इस इस काया/तन का विनाश कर सकता है।जब तक यह काया विषय विकार यथा लोभ, मोह की दासी है, विकारों के अधीन है और जब तक कर्मकांड, तीर्थ, वर्त आदि में पड़ी हुई है, तब तक यम (जम ) काल के बंधन से मुक्त नहीं है।
एक रोज यम के दूत आएंगे और तुझे मसल कर घोट देंगे। मृत्यु के उपरान्त यह तन जल बुझ कर नष्ट हो जाना है। यह शरीर जो मिटटी से बना है मिटटी में मिल जाएगा।
कबीर साहेब की वाणी है की जो जन राम की भक्ति में लीन है / रंगे हुए हैं वे परम पद को प्राप्त करेंगे।
इस पद में रूपकातिशयोक्ति (सखी) जरि बरि,जब तब,वाटी माटी। विशेषोक्ति की व्यंजना तीरथ पासी। वृत्यानुप्रास--पायो,परम पद का उपयोग हुआ है।
चलि मेरी सखी हो वो लगन राम राया लिरिक्स Chali Meri Sakhi Ho Lagan Raam Raya Lyrics with Hindi Meaning
Chali Meree Sakhee Ho Vo Lagan Raam Raaya
Chali Meree Sakhee Ho, Vo Lagan Raam Raaya.
Jab Tak Kaal Binaasai Kaaya.
Jab Lobh Moh Kee Daasee, Teerath Brat Na Chhootai Jambh Kee Paasee.
Aavainge Jam Ke Ghaalaige Baantee, Yahu Tan Jari Bari Hoiga Maatee.
Kahai Kabeer Je Jan Hari Rangiraata, Paayau Raaja Raam Param Pad Daata.
चलि मेरी सखी हो,
वो लगन रांम राया।
chali meri sakhi ho,
ve lagan rama raya.
कबीर साहेब कहते हैं की हे जीवात्मा चलो हरी/राम की शरण में रम जाएं। Kabir says my soul(-सखी/Sakhi - friend) is inclined in love of Ram
जब तब काल
बिनासै काया॥
jab tab kaal
binase aaya॥
काल किसी भी वक़्त की तन को समाप्त कर सकता है। Kaal (death) can come anytime and ruin this body
चलि मेरी सखी हो,
वो लगन रांम राया।
chali meri sakhi ho,
ve lagan rama raya.
कबीर साहेब कहते हैं की हे जीवात्मा चलो हरी/राम की शरण में रम जाएं। Kabir says my soul(friend) is inclined in love of Ram
जब लग लोभ मोह की दासी,
तीरथ ब्रत न छूटै जम की पासी।
jab lag lobh moh ke daasi
teerath vrat na chhutat yam ke phansi।
जब तक यह तन/मन लोभ और मोह माया की दासी है, कर्मकांडों में फंसी हुई है जब तक काल की फांस छूट नहीं सकती है। If soul slave of greed, delusion(Maya) then neither going to religious places nor keeping fast will help, you are bound by Yam(death)(you can’t free yourself from death)
चलि मेरी सखी हो,
वो लगन रांम राया।
chali meri sakhi ho,
ve lagan rama raya.
कबीर साहेब कहते हैं की हे जीवात्मा चलो हरी/राम की शरण में रम जाएं।Kabir says my soul(friend) is inclined in love of Ram
आवैगे जम के घालैगे बांटी,
यहु तन जरि वीर होइगा माटी॥
aavaige jam ke ghaalaige baantee ,
yahu tan jari veer hoiga maatee॥
एक रोज जम आएगा और तुम्हे पीस देगा/अपना शिकार बना देगा। Yamdoot(God of death) will come and put snare of death on you, this body will burn to ashes(turn into soil)
चलि मेरी सखी हो,
वो लगन रांम राया।
chali meri sakhi ho,
ve lagan rama raya.
कबीर साहेब कहते हैं की हे जीवात्मा चलो हरी/राम की शरण में रम जाएं।Kabir says my soul(friend) is inclined in love of Ram
कहै कबीर जे जनहरि रगिराता,
पायौ राजा रांम परम पद दाता।
kahai kabeer je janahari ragiraata ,
paayau raaja raamm param pad daata।
कबीर साहेब कहते हैं की जो जन हरी की शरण में हैं वे परम पद के अधिकारी हैं। Says Kabir those jan hari(saints) who are devoted in love of king Ram will reach the highest place(moksha)
चलि मेरी सखी हो,
वो लगन रांम राया।
chali meri sakhi ho,
ve lagan rama raya.
कबीर साहेब कहते हैं की हे जीवात्मा चलो हरी/राम की शरण में रम जाएं। Kabir says my soul(friend) is inclined in love of Ram
जब तब काल
बिनासै काया॥
jab tab kaal
binase aaya॥
Kaal(death) can come anytime and ruin this body
चलि मेरी सखी हो,
वो लगन रांम राया।
chali meri sakhi ho,
ve lagan rama raya.
कबीर साहेब कहते हैं की हे जीवात्मा चलो हरी/राम की शरण में रम जाएं। Kabir says my soul(friend) is inclined in love of Ram
Other Kabir Pada कबीर साहेब के अन्य पद।
मन रे राम सुमिरि राम सुमिरि राम सुमिरि भाई।
राम नाम सुमिरन बिनै, बूड़त है अधिकाई॥टेक॥
दारा सुत गेह नेह, संपति अधिकाई॥
यामैं कछु नांहि तेरौ, काल अवधि आई॥
अजामेल गज गनिका, पतित करम कीन्हाँ॥
तेऊ उतरि पारि गये, राम नाम लीन्हाँ॥
स्वांन सूकर काग कीन्हौ, तऊ लाज न आई॥
राम नाम अंमृत छाड़ि काहे बिष खाई।
तजि भरम करम बिधि नखेद, राम नाम लेही॥
जन कबीर गुर प्रसादि, राम करि सनेही॥
राम नाम हिरदै धरि, निरमौलिक हीरा।
सोभा तिहूँ लोक, तिमर जाय त्रिविध पीरा॥टेक॥
त्रिसनां नै लोभ लहरि, काम क्रोध नीरा।
मद मंछर कछ मछ हरषि सोक तीरा॥
कांमनी अरु कनक भवर, बोये बहु बीरा॥
जब कबीर नवका हरि, खेवट गुरु कीरा॥
मीरा बाई की कृष्ण भक्ति अद्वितीय और गहन थी। उनका सम्पूर्ण जीवन श्रीकृष्ण के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। बचपन से ही मीरा ने श्रीकृष्ण को अपना आराध्य मान लिया था और उन्हें अपने जीवनसाथी के रूप में स्वीकार कर लिया। सांसारिक मोह-माया और राजसी जीवन से दूर, मीरा ने अपनी हर सांस और हर भावना को कृष्ण की भक्ति में अर्पित किया। उनके भजनों में कृष्ण के प्रति प्रेम, समर्पण और विरह की तीव्र भावना स्पष्ट रूप से झलकती है। कठिनाइयों और समाज के विरोध के बावजूद, मीरा की भक्ति में कोई कमी नहीं आई। उनकी कृष्ण-प्रेम की कहानी आज भी भक्ति और प्रेम के आदर्श के रूप में देखी जाती है, जो भगवान के प्रति संपूर्ण आत्मसमर्पण की भावना को दर्शाती है।
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