Lyrics- मुरशिद नैनों बीच नबी है
स्याह सफेद तिलों बिच तारा
अविगत अलख रबी है
मुरशिद नैनों बीच नबी है
आँखी मद्धे पांखी चमकै चमकै
पँखी मद्धे द्वारा
तेही द्वार दूरबीन लगाकै लगाकै
उतरे भवजल पारा
मुरशिद नैनों बीच नबी है
सुन्न सहर बास हमारा
तहुँ सरवंगी जावै
साहेब कबीर सदा के संगी
सबद महल ले आवै
मुरशिद नैनों बीच नबी है
स्याह सफेद तिलों बिच तारा
अविगत अलख रबी है
मुरशिद नैनों बीच नबी है
आँखी मद्धे पांखी चमकै चमकै
पँखी मद्धे द्वारा
तेही द्वार दूरबीन लगाकै लगाकै
उतरे भवजल पारा
मुरशिद नैनों बीच नबी है
सुन्न सहर बास हमारा
तहुँ सरवंगी जावै
साहेब कबीर सदा के संगी
सबद महल ले आवै
मुरशिद नैनों बीच नबी है
मुर्शिद नैनो बीच नबि है लिरिक्स Murshid Naino Beech Nabi Hai Lyrics Hindi Meaning
मुर्शिद नैनो बीच नबि है
Murshid naino beech nabi hai
Hindi Meaning of Kabir Pada / कबीर के पद का हिंदी मीनिंग : मेरे दोनों नैनों के बीच मेरा ईश्वर है। दोनों नयनों के मध्य होने से आशय है ध्यान मुद्रा। Oh Teacher, between the two eyes is the my master(between two eyes is the place for meditation)
सयद सफ़ेद तलों बीच तारा, अविगत अलख रबी है
Syah safed talon beech tara, avigat alakh rabi hai
सफ़ेद और तलों के मध्य एक चमकता तारा है। इनके मध्य ही अनजाना और अनौखा गुरु है। Between the black and the white (pupil) moles (eyes) is the shining star (knowledge), and within the star dwells the unknown and unseen master.
मुर्शिद नैनो बीच नबि है
Murshid naino beech nabi hai
मेरे नैनों में मध्य मेरा ईश्वर है। Oh Teacher, between the two eyes is the my master(between two eyes is the place for meditation)
आँखिन मध्ये पंखी चमके, पंखी मध्ये दवारा
Aakhin madhye pankhi chamake, pankhi madhye dwara
दोनों आँखों के मध्य में पंख चकता है। पंखों के मध्य में एक द्वार है। Between the eyes shines a tiny petal(bird shimmers?) and within the (center of)petal(bird?) is the door(opening)
तेहि द्वारे दूरबीन लगवाई,
उतरहि भउजल पारे
Tehi dware durbeen lagawai,
utare bhaujal para
दोनों पंखों में मध्य जो द्वार है वहां पर दूरबीन लगवाई है और इससे भवजाल से उतरा जा सकता है। On that door adjust your telescope (focus you attention), thus cross over the terrifying world-ocean
मुर्शिद नैनो बीच नबि है
Murshid naino beech nabi hai
नैनों में मध्य में ईश्वर है। Oh Teacher, between the two eyes is the my master(between two eyes is the place for meditation)
शून्य शहर में बास हमारा, ताहिन सरबंगी गावे
Sunn sahar mein baas humara,
tahein sarbangi gave
शून्य के शहर में हमारा वास है/निवास है और वहाँ पर संगीत बजता है। In the city of sunnya(voidness, from which the entire universe originated, absolute reality, primal state) I reside, where celestial melody is being played
साहिब कबीर सदा के संगी,
शब्द महल ले आवे
Sahib kabir sada ke sangi,
shabd mahal le aave
ईश्वर और कबीर साहेब का अटूट सबंध है और साहेब कबीर को शब्द के महल में लेकर आ गए हैं। Now the master and Kabir are eternal companions, And he leads Kabir to the mansion of shabd.
मुर्शिद नैनो बीच नबि है
Murshid naino beech nabi hai
नैनों के मध्य ईश्वर का वास है। Oh Teacher, between the two eyes is the my master(between two eyes is the place for meditation)
सयद सफ़ेद तलों बीच तारा,
अविगत अलख रबी है
Syah safed talon beech tara,
avigat alakh rabi hai
Between the black and the white(pupil) moles(eyes) is the shining star(knowledge), and within the star dwells the unknown and unseen master.
मुर्शिद नैनो बीच नबि है
Murshid naino beech nabi hai
अरे गुरु, दोनों नैनों के मध्य में मेरा ईश्वर है। Oh Teacher, between the two eyes is the my master(between two eyes is the place for meditation)
Murshid naino beech nabi hai - Madhup Mudgal - Kabir Bhajan
Syaah Saphed Tilon Bich Taara
Avigat Alakh Rabee Hai
Murashid Nainon Beech Nabee Hai
Aankhee Maddhe Paankhee Chamakai Chamakai
Pankhee Maddhe Dvaara
Tehee Dvaar Doorabeen Lagaakai Lagaakai
Utare Bhavajal Paara
Murashid Nainon Beech Nabee Hai
Sunn Sahar Baas Hamaara
Tahun Saravangee Jaavai
Saaheb Kabeer Sada Ke Sangee
Sabad Mahal Le Aavai
Murashid Nainon Beech Nabee Hai
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Author - Saroj Jangir
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