नरहरि सहजै ही जिनि जाना Narhari Sahaje Hi Jini Jaana Meaning
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma)
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
Gat Phal Phool Tat Tar Palav ,
Ankoor Beej Nasaannaan॥
जो सहज हैं उनके लिए सांसारिक भौतिक प्रलोभनों / माया के फल, फूल, अंकुर और बीज आदि सभी समाप्त हो गए हैं। वे अब माया के भ्रम से मुक्त हो गए हैं और माया उनको अपने प्रलोभन में फँसा नहीं सकती है। For them fruits, flowers, shoot, sprout, seed of tree of worldly enjoyments have finished
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
gat phal phool tat tar palav ,
ankoor beej nasaannaan॥
For them fruits, flower, shoot, sprout, seed of tree of worldly enjoyments have finished
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari sahajai hee jini jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
प्रकट प्रकास ग्यान गुरगमि थैं,
ब्रह्म अगनि प्रजारी।
Prakat Prakaas Gyaan Guragami Thain ,
Brahm Agani Prajaaree।
गुरु ने मेरे भीतर, हृदय के भीतर ज्ञान का प्रकाश पैदा किया है जो दिव्य अग्नि है। गुरु की कृपा से मेरे भीतर दिव्य ज्ञान का प्रकाश पैदा हुआ है। Guru has shown (inside me ) light of knowledge, has ignited divine fire(inside me)
ससि हरि सूर दूर दूरंतर,
लागी जोग जुग तारी॥
Sasi Hari Soor Door Doorantar ,
Laagee Jog Jug Taaree॥
मेरी चंद्र नाड़ी और सूर्य नाड़ी पृथक पृथक थे जो योग के कारण समीप आ गए हैं। My moon nadi and sun nadi were separate from each other, now with Yog(Samadhi) both have come together
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
उलटे पवन चक्र षट बेधा,
मेर डंड सरपूरा।
Ulate Pavan Cakr Shat Bedha,
Mer Dand Sarapoora।
मैंने समस्त छः चक्रों का मार्ग खोला है/भेदा है और रीढ़ को भी केंद्रित किया है। Through upside-down air(life force) I have penetrated(opened) six chakras, spinal cord is fully open
गगन गरजि मन सुंनि समाना,
बाजे अनहद तूरा॥
Gagan Garaji Man Sunni Samaana ,
Baaje Anahad Toora॥
गगन में होने वाली ध्वनि को मैंने सुना है और अनहद बज रहा है। My heart has heard roar in sky , sound of silence is now playing
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
सुमति सरीर कबीर बिचारी,
त्रिकुटी संगम स्वामी।
Sumati Sareer Kabeer Bicaaree ,
Trikutee Sangam Svaamee।
The thoughtful Kabir with wisdom of his body has experienced his master in trikuti(between eye-brows,third eye is opened?)
पद आनंद काल थैं छूटै,
सुख मैं सुरति समाँनी॥7॥
Pad Aanand Kaal Thain Chootai ,
Sukh Main Surati Samaannee॥7॥
In blissfull state which is free of kaal(death), my “I entity” or worldliness resides in happinees
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
Gat Phal Phool Tat Tar Palav ,
Ankoor Beej Nasaannaan॥
जो सहज हैं उनके लिए सांसारिक भौतिक प्रलोभनों / माया के फल, फूल, अंकुर और बीज आदि सभी समाप्त हो गए हैं। वे अब माया के भ्रम से मुक्त हो गए हैं और माया उनको अपने प्रलोभन में फँसा नहीं सकती है। For them fruits, flowers, shoot, sprout, seed of tree of worldly enjoyments have finished
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma)
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma)
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
Gat Phal Phool Tat Tar Palav ,
Ankoor Beej Nasaannaan॥
जो सहज हैं उनके लिए सांसारिक भौतिक प्रलोभनों / माया के फल, फूल, अंकुर और बीज आदि सभी समाप्त हो गए हैं। वे अब माया के भ्रम से मुक्त हो गए हैं और माया उनको अपने प्रलोभन में फँसा नहीं सकती है। For them fruits, flowers, shoot, sprout, seed of tree of worldly enjoyments have finished
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
gat phal phool tat tar palav ,
ankoor beej nasaannaan॥
For them fruits, flower, shoot, sprout, seed of tree of worldly enjoyments have finished
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari sahajai hee jini jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
प्रकट प्रकास ग्यान गुरगमि थैं,
ब्रह्म अगनि प्रजारी।
Prakat Prakaas Gyaan Guragami Thain ,
Brahm Agani Prajaaree।
गुरु ने मेरे भीतर, हृदय के भीतर ज्ञान का प्रकाश पैदा किया है जो दिव्य अग्नि है। गुरु की कृपा से मेरे भीतर दिव्य ज्ञान का प्रकाश पैदा हुआ है। Guru has shown (inside me ) light of knowledge, has ignited divine fire(inside me)
ससि हरि सूर दूर दूरंतर,
लागी जोग जुग तारी॥
Sasi Hari Soor Door Doorantar ,
Laagee Jog Jug Taaree॥
मेरी चंद्र नाड़ी और सूर्य नाड़ी पृथक पृथक थे जो योग के कारण समीप आ गए हैं। My moon nadi and sun nadi were separate from each other, now with Yog(Samadhi) both have come together
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
उलटे पवन चक्र षट बेधा,
मेर डंड सरपूरा।
Ulate Pavan Cakr Shat Bedha,
Mer Dand Sarapoora।
मैंने समस्त छः चक्रों का मार्ग खोला है/भेदा है और रीढ़ को भी केंद्रित किया है। Through upside-down air(life force) I have penetrated(opened) six chakras, spinal cord is fully open
गगन गरजि मन सुंनि समाना,
बाजे अनहद तूरा॥
Gagan Garaji Man Sunni Samaana ,
Baaje Anahad Toora॥
गगन में होने वाली ध्वनि को मैंने सुना है और अनहद बज रहा है। My heart has heard roar in sky , sound of silence is now playing
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
सुमति सरीर कबीर बिचारी,
त्रिकुटी संगम स्वामी।
Sumati Sareer Kabeer Bicaaree ,
Trikutee Sangam Svaamee।
The thoughtful Kabir with wisdom of his body has experienced his master in trikuti(between eye-brows,third eye is opened?)
पद आनंद काल थैं छूटै,
सुख मैं सुरति समाँनी॥7॥
Pad Aanand Kaal Thain Chootai ,
Sukh Main Surati Samaannee॥7॥
In blissfull state which is free of kaal(death), my “I entity” or worldliness resides in happinees
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma) Those who are comfortable (सहज), they are comfortable with life and on the path of devotion, they have understood Hari (God).
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
Gat Phal Phool Tat Tar Palav ,
Ankoor Beej Nasaannaan॥
जो सहज हैं उनके लिए सांसारिक भौतिक प्रलोभनों / माया के फल, फूल, अंकुर और बीज आदि सभी समाप्त हो गए हैं। वे अब माया के भ्रम से मुक्त हो गए हैं और माया उनको अपने प्रलोभन में फँसा नहीं सकती है। For them fruits, flowers, shoot, sprout, seed of tree of worldly enjoyments have finished
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
Narahari Sahajai Hee Jini Jaana|
जो लोग सहज हैं, जीवन के प्रति और भक्ति मार्ग पर भी वे सहज हैं, उन्होंने हरी (ईश्वर) को समझ लिया है। Those who live instinct for naturalness have understood NarHari(God/Purn Pram Brahma)
Nar hari sahaji hi dini jana - Madhup mudgal - Kabir Bhajan
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
प्रकट प्रकास ग्यान गुरगमि थैं,
ब्रह्म अगनि प्रजारी।
ससि हरि सूर दूर दूरंतर,
लागी जोग जुग तारी॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
उलटे पवन चक्र षट बेधा,
मेर डंड सरपूरा।
गगन गरजि मन सुंनि समाना,
बाजे अनहद तूरा॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
सुमति सरीर कबीर बिचारी,
त्रिकुटी संगम स्वामी।
पद आनंद काल थैं छूटै,
सुख मैं सुरति समाँनी॥7॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
प्रकट प्रकास ग्यान गुरगमि थैं,
ब्रह्म अगनि प्रजारी।
ससि हरि सूर दूर दूरंतर,
लागी जोग जुग तारी॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
उलटे पवन चक्र षट बेधा,
मेर डंड सरपूरा।
गगन गरजि मन सुंनि समाना,
बाजे अनहद तूरा॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
सुमति सरीर कबीर बिचारी,
त्रिकुटी संगम स्वामी।
पद आनंद काल थैं छूटै,
सुख मैं सुरति समाँनी॥7॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
गत फल फूल तत तर पलव,
अंकूर बीज नसाँनाँ॥
नरहरि सहजै ही जिनि जाना।
नरहरि सहजै ही जिनि जाना लिरिक्स
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Gat Phal Phool Tat Palav,
Ankur Ankurit Na Karen.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Praakrt Prakaash Gyaan Gurameen Thain,
Brahm Agni Prajaaree.
Sasi Hari Sur Dvaar Dvaaradaata,
Laagee Jog Jug Taaree.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Oopar Hava Chakr Chhah Chheda,
Mer Dand Sarapura.
Gagan Garajee Man Sunnee Samaana,
Baaje Anahad Tura.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Sumati Sareer Kabeer Bichaaree,
Trikutee Sangam Svaamee.
Pad Aanad Kaal Than Chhutai,
Sukh Mere Surati Samaanee.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Gat Phal Phool Tat Palav,
Ankur Ankurit Na Karen.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Gat Phal Phool Tat Palav,
Ankur Ankurit Na Karen.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Praakrt Prakaash Gyaan Gurameen Thain,
Brahm Agni Prajaaree.
Sasi Hari Sur Dvaar Dvaaradaata,
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Mer Dand Sarapura.
Gagan Garajee Man Sunnee Samaana,
Baaje Anahad Tura.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Sumati Sareer Kabeer Bichaaree,
Trikutee Sangam Svaamee.
Pad Aanad Kaal Than Chhutai,
Sukh Mere Surati Samaanee.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
Gat Phal Phool Tat Palav,
Ankur Ankurit Na Karen.
Narahari Aasaanee Se Paida Hote Hain.
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Author - Saroj Jangir
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