नैया मोरी नीके नीके चालण लागी लिरिक्स Naiya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi Lyrics with Meaning

नैया मोरी नीके नीके चालण लागी लिरिक्स Naiya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi Lyrics with Meaning

 
नैया मोरी नीके नीके चालण लागी लिरिक्स Naiya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi Lyrics with Meaning

कबीर साहेब की वाणी दिव्य है, सहज है और सरल होने के बावजूद भी तिलिस्म और रहस्य से भरी हुई है। साधारण भाषा में होने के बावजूद भी कबीर साहेब के अर्थ बहुत ही गूढ़ होते हैं। इस भजन में साहेब कहते हैं की उनकी नैया धीरे धीरे भक्ति मार्ग की और बढ़ने लगी है। आंधी, बरसात और तूफ़ान भी उस नाँव का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते हैं। इस नाँव जो भक्ति मार्गी है के ऊपर बड़भागी संत ही आगे चढ़ते हैं।

नैय्या मोरी नीके नीके चालन लागी
आँधी मेघा ,कछु ना व्यापे
चढ़े संत बड़ भागी।
नैया मोरी नीके नीके चालन लागी।

उथले रहत डर कछु नाहीं,
नाही गहरे को संसा।
उलट जाय तो, बाल न बाँका,
वा रे अजब तमाशा
नैया मोरी नीके नीके चालन लागी।

औसर लागे तो ,परबत बौझा
तोऊ ना लागे रे भारी
धन सतगुरु जी ने राह बतायी
वा की रे में बलिहारी
नैया मोरी नीके नीके चालन लागी।

कहे कबीरा जो, बिन सिर खेवे
सो यह सुमति बखाने
या बहु हित की,अकथ कथा है
बिरलै खेवट ही जाने
नैया मोरी नीके नीके चालन लागी।



Nirgun bhajan 'Naiya mori nike nike chalan lagi' by renowned classical singer Bhuvanesh Komkali, sung at Rishi Chaitanya Ashram on the occasion of Sri Guru Nanak Dev Gurpurab celebration 2015.

दृढ इच्छा शक्ति से साधक अपने मार्ग पर चलते हुए अवश्य ही अपने गंतव्य तक पहुँच जाता है।

नैय्या मोरी निक्के निक्के चालन लागी ।
My ferry is moving, with a wobble,
मेरी नाँव धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी है।
आंधी मेघा कछु ना व्यापे, चढ़े संत बड़भागी।
Thunderstorm, clouds don't affect. saints of great fortune step in (the ferry)neither clouds, nor rain or storm can ever obstruct its momentum.
आंधी और बरसात (खराब स्थितियां) भी मुझे रोक नहीं सकती हैं। भाग्यशाली संत आगे बढ़ते हैं।

उथले रहत, डर कछु नाही, नाही गहरे को संसा।
In shallow waters, there is no fear, nor doubts in the deep (waters).
उथले पानी से कोई डर नहीं है और नाहीं गहरे पानी की भी कोई शंशय/डर ही है।

उलट जाय तो बाल न बांका, वाह रे अजब तमासा।
(Even if it) turns upside down, (we will) not get hurt, is a great wonder.
यदि मेरी नांव उलट भी जाए तो मेरा कोई बाल भी बाँका नहीं होगा। यह एक अजीब सी घटना है.

औसर लागे तो परबत बोझा, तोउ ना लागे रे भारी।
Occasionally even mountain loads don't feel heavy.
यदि परबत का बोझ भी मेरे ऊपर किसी अवसर पर डाल दिया जाय तो भी मुझे कोई बोझ महसूस नहीं होने वाला है।

धनसत गुरूजी ने राह बतायी, वाकई रे मैं बलिहारी।
The great saint has shown the way, (and thus) I am strong.
मेरे सतगुरु देव जी ने मुझे राह बतायी है जिसके लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूँ और उन पर बलिहारी जाती हूँ।

कहे कबीरा जो, बिन सिर खेवे, सो यह सुमति बरखाने।
Says Kabeer thus, the innocent oarman (must) understand this.
जो सहज ही इसको खेता है, वही इसको समझ सकता है, ऐसा कबीर साहेब कहते हैं। इसमें किसी बुद्धि की आवश्यकता नहीं होती है।

या बहु हित की अकथ कथा है, बिरले खेवट ही जाने।
This untold story is very beneficial and only a few oarsmen know this.
यह एक ऐसी अकथ कथा है जिसको कोई बिरले ही समझ सकते हैं।

नैय्या मोरी निक्के निक्के चालन लागी ।
My ferry is moving, swiftly, (from the blessing of gurudeva)

Naiyya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi,
Aandhi Megha, Kachhu Na Vyaape,
Chadhe Sant Bad Bhaagi.
Naiyya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi.

Uthle Rahat Dar Kachhu Naahin,
Naahin Gehre Ko Sansa.
Ulat Jaaye To, Baal Na Baanka,
Wa Re Ajab Tamasha.
Naiyya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi.

Aausar Laage To, Parbat Baujha,
Tou Na Laage Re Bhaari.
Dhan Satguru Ji Ne Raah Bataayi,
Wa Ki Re Mein Balihaari.
Naiyya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi.

Kahe Kabira Jo, Bin Sir Kheve,
So Yah Sumati Bakhaane.
Ya Bahu Hit Ki, Akath Katha Hai,
Birlai Khewat Hi Jaane.
Naiyya Mori Neeke Neeke Chalan Laagi.


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1 टिप्पणी

  1. I was searching for the meaning of this poem since a long time, it is so thankful of you to narrate the right meaning with beautiful explanation. Thanks again