सगुन बोल सगुन न्युतो लिरिक्स गढ़वाली मंगल गीत Sagun Bol Sagun Nyuto Lyrics

सगुन बोल सगुन न्युतो लिरिक्स गढ़वाली मंगल गीत Sagun Bol Sagun Nyuto Lyrics

 
सगुन बोल सगुन न्युतो लिरिक्स गढ़वाली मंगल गीत Sagun Bol Sagun Nyuto Lyrics

औ बैठ कागा हरिया बिरीछ,
बोल बोल कागा, चौंदिसि सगुन,
बिचारा बरमा जी तें कागा की बोली
बेदमुखी बरमा जी, बेद पढ़ला,
सगुनी कागा सगुन बोल लो,
सगुनी कागा सगुन बोलेलो,

पिञ्जरी का सूवा अटरी का सूवा,
दे औ सूवा तू स्वागिण्यूँ न्यूतो,
सोना पंखी सूवा तू लाल ठोन्ट सूवा,
दे औ सूवा तू स्वागिण्यूँ न्यूतो,
जण्दो नि छौं मैं पछण्दो नि छौं मैं,
कै घर कैं देबी न्यूतिकि औलो,
बरमा जी का घर होली साबित्री देबी,
वे घर वीं देबि न्यूतिकि ऐई,
बिस्णु जी का घर होली लछमि देबी,
वे घर वीं देबि न्यूतिकि ऐई,
सिवजी का घर होली पारबति देबी,
वे घर वीं देबि न्यूतिकि ऐयी,
दे औ सुवा तू स्वागिण्यूँ न्यूतो,

हल्दी बान-दे द्यावा दे द्यावा
दे द्यावा दे द्यावा मेरा बरमा जी, दे द्यावा हल़दी का बान हे
जिया रेयाँ जिया मेरा बरमा जी, जौन दीनि हल़दी का बान हे
दे द्यावा दे द्यावा मेरी माँजी हे, दे द्यावा हल़दी का बान हे
जिया रेयाँ जिया मेरी बडी जी, जौन दीनि दै दूध का बान हे
दे द्यावा दे द्यावा मेरी चची जी, दे द्यावा घ्यू तेल़ का बान हे
जिया रेयाँ जिया मेरा पुफू जी, जौन दीनि चन्दन का बान हे
दे द्यावा दे द्यावा मेरी भाभी जी, दे द्यावा समोया का बान हे
दे द्यावा दे द्यावा मेरी दीदी जी, दे द्यावा कचूर का बान हे
दे द्यावा कचूर का बान हे

मंगल स्नान
क्यान होये क्यान होये, कुण्ड कौज्याल़?
क्यान होये होलो सूरिज धूमैलो?
उबादेसु उबादेसु गौरा जी नहेन्दी
तब होये तब होये कुण्ड कौज्याल़
क्यान आई क्यान आई सिन्धु छलार?
क्यान होये होलो सूरिज धुमैलो?
नहेण लागी लछमी की लाडी
तब आये तब आये सिन्धु छलार
तब होये होलो सूरिज धुमैलो
क्यान होई क्यान होई, धौल़ी पिंगल़ी?
क्यान होये होलो सूरिज धुमैलो?
नहेण लागी सीता जी सरूपा
तब होई तब होई धौल़ी पिंगल़ी
तब होये होलो सूरिज धुमैलो

कपड़ा पैरवाण
न्हाई ध्वेकी, लाडी मेरी, फुरपूर्या ह्वेगे
पैर पैर, लाडी मेरी, रेसमी कपड़ी
बाबाजी तुम्हारा लैन बाजारू मोल्येकी
माँजीन तुम्हारी पिटारी सजैई
पैर पैर लाडी़ मेरी जरीन्द कपड़ी
बडाजी तुम्हारा लैन हाटन मोल्येकी
बडीजीन तुम्हारी पिटारी खोल्याली
पैर पैर लाडी मेरी मोत्युँ जड़ित कपड़ी
चचाजी तुम्हारा लैन देसून मोल्येकी
चचीजीन तुम्हारी पिटारी सजाई
न्हाई ध्वेकी, लाडी मेरी, फुरपूर्या ह्वेगे

धूलि अर्घ
को होलो मेरी धिया को जनीत?
कै द्योला आज धूलि़ अरघ?
जैका अंग होलो पीताम्बरी चोला
स्यूयी होलो तेरी धिया को जनीत
जणदो नि छौं मैं पछणदो नि छौं मैं
कै द्योला आज धूलि़ अरघ
जैका सिर होली सजीली पगड़ी
जैका अंग होलो झिलमिल जामो
जैका होला जैका होला कान कुण्डल
जैका होला जैका होला हाथू कंगण
तैई द्येण तैई द्येण धूलि़ अरघ
तैई द्येण आज संख की पूजा
जैका सिर होलो सोना को मुकुट
जैका अंग होली पीताम्बरी धोती
तैई द्येण आज धूलि़ अरघ
स्यूयी होलो तेरी धिया को बर
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले
पैलो फेरो फेर लाडी, कन्या छै कुँवारी
दूजो फेरो फेर लाडी, ब्वे बाबु की प्यारी
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले
तीजो फेरो फेर लाडी, भै बैण्यूँ की प्यारी
चैथो फेरो फेर लाडी, सौंजड़्यों की दुलारी
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले

फेरा भौंरा
पाँचो फेरो फेर छोड़, ब्वे बाबू की गोद
छठो फेरो फेर छोड़, सौंजड़्या दगड़ो
सातों फेरो फेर लाडी, कन्या ह्वे तू नारी
राजी खुसी रै तू लाडी, सदा स्वागिण नारी
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले

बिदै
काला़ डाण्डा पार बाबा काली़ च कुयेड़ी
यखुली यखुली लगली मैं डर
काला़ डाण्डा पार बाबा
पैली द्योलो लाडी त्वे सकिल जनित
तब द्योलो लाडी त्वे हाथी अर घोड़ा
यखूली नि भेजलो
 
उत्तराखंड विवाह एक उत्सव की तरह से होता है। मंगल गीत विवाह के समय घर परिवार/रिश्तेदारों की औरतों के द्वारा गाया जाने वाला पारम्परिक लोक गीत होता है। इसी भाँती गानों के दौरान गायक परिवार के इतिहास को याद करते हैं और पूर्वजों को याद करते हैं। सगुन आखर विवाह समारोह के दौरान निभाई जाने वाली सभी रस्मों के लिए है। गणेश पूजा के लिए अलग-अलग सगुण आखर, रात के खाने के समय सुवाल पैठ, धुलियारग, कनया दान, फीर आदि। शुरुआती दिनों में सगुन आखर परिवार के महिला सदस्यों द्वारा गाया जाता है, लेकिन अब यह कला मर रही है और समय बदलने के साथ लोग पेशेवर गायकों को मांगल गीत (सगुन आखर) गाने के लिए काम पर रख रहे हैं।


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