ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम शनि मन्त्र Om Nilanjana Samabhasam Ravi Putram Meaning
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम का अर्थ
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||
शनि मंत्र हिंदी मीनिंग नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम का अर्थ : मैं श्री शनि देव को नमन करता हूँ। मैं भगवान शनि देव को नमन करता हूं, जो एक नीले पर्वत के रूप में चमक रहे हैं। श्री शनि देव काले रंग के हैं। सूर्य देव मार्तण्ड (सूर्य देव का दूसरा नाम) के पुत्र हैं। श्री शनि देव छाया (माता ) से पैदा हुए हैं। श्री शनि देव यम देव के भाई हैं, जो बहुत ही धीरे धीरे चलते हैं।
Om Nilanjana Samabhasam Ravi Putram Yamagrajam,
Chhaya Martanda Samhubhutam Tama Namami Shanescharam
Om Neelanjansamabhas Raviputram Ymagrajam,
Chhayamartandsamputam Tan Namaani Shaneshram
Chhaya Martanda Samhubhutam Tama Namami Shanescharam
Om Neelanjansamabhas Raviputram Ymagrajam,
Chhayamartandsamputam Tan Namaani Shaneshram
Shani Mantra Meaning in English : I bow down to Lord Shani Dev who is bright shine as that of a blue mountain. He is the son of Lord Surya (Lord Sun) and the brother of Yama (God of Kaal/Death). He is born to Chahya and Martanda (Lord Sun).
SHANI MANTRA by Suresh Wadkar | 108 times with Meaning | शनि मंत्र
श्री शनि देव : श्री शनि देव न्याय और कर्म का फल देने वाले देवता हैं जो सूर्य और छायां के पुत्र हैं। शनि देव ही एकमात्र देव हैं जो मोक्ष प्रदान करते हैं। शिव जी से शनि देव को वरदान प्राप्त था की वे बहुत शक्तिशाली होंगे और मानवों के साथ देव भी उनसे भयभीत रहेंगे।
शनि बीज मन्त्र –
ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ॥
"ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम" शनि देव मन्त्र के लाभ /फायदे Benefits of Shani Mantra Hindi
शनि देव के इस मन्त्र के जाप से साढ़े सती का दोष दूर होता है। साढ़े साती से ग्रसित व्यक्तिको शनि महामंत्र का 23000 बार जाप करने से लाभ प्राप्त होता है। इस शनि महामंत्र का जाप २३ दिवस के भीतर ही समाप्त कर देना चाहिए।
शनि देव मन्त्र :
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र - ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र - ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
शनि देव जी का गायत्री मंत्र - ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |