नमस्कार दोस्तों, आज हम एक प्रेरक कहानी लेकर आए हैं जिसका शीर्षक है "खुद के गिरेबां में झांकें"। इस कहानी में गौतम बुद्ध की एक महत्वपूर्ण सीख छिपी है, जो हमें दूसरों की गलतियां ढूंढने से पहले खुद में सुधार लाने की प्रेरणा देती है। तो आइए, इस कहानी के माध्यम से जानें कि बुद्ध ने समाज को कैसे एक नई दिशा दी। Mahatma Buddha Story Khud Ka Vishleshan

कहानी: खुद के गिरेबां में झांकें
एक दिन एक महिला ने गौतम बुद्ध से सवाल किया, "आप तो राजकुमार जैसे लगते हैं, फिर आपने संन्यास का मार्ग क्यों चुना?" बुद्ध मुस्कराए और बोले, "मैंने अपने जीवन में तीन बड़े सवालों के जवाब पाने के लिए संन्यास लिया है। इंसान का शरीर चाहे कितना ही सुंदर और आकर्षक क्यों न हो, यह धीरे-धीरे बूढ़ा होगा, फिर बीमारियों से जूझेगा, और अंत में मृत्यु को प्राप्त होगा। मैं इन अवस्थाओं के कारणों को समझना चाहता हूं।"
बुद्ध के उत्तर से महिला बहुत प्रभावित हुई और उन्हें अपने घर भोजन का निमंत्रण दिया। जैसे ही यह बात गांव में फैली, लोगों ने बुद्ध से कहा कि वे उस महिला के घर न जाएं क्योंकि उसका चरित्र अच्छा नहीं है। बुद्ध ने यह सुनकर गांव के सरपंच से पूछा कि क्या यह सच है। सरपंच ने लोगों की बात की पुष्टि की।
बुद्ध ने सरपंच का एक हाथ पकड़ते हुए कहा, "अब एक हाथ से ताली बजाकर दिखाओ।" सरपंच ने कहा, "यह संभव नहीं है। ताली बजाने के लिए दो हाथ चाहिए।" तब बुद्ध ने उत्तर दिया, "इसी प्रकार, कोई महिला अकेले चरित्रहीन नहीं हो सकती। अगर इस गांव के पुरुष सही होते, तो वह महिला भी गलत राह पर नहीं जाती। अगर समाज के लोग अच्छे होते, तो महिला का भी चरित्र अच्छा होता।" बुद्ध की यह बात सुनकर वहां खड़े सभी लोग शर्मिंदा हो गए और अपने आचरण पर विचार करने लगे।
कहानी से शिक्षा Moral of the Story
हमें दूसरों की कमियों को देखने के बजाय खुद को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए। समाज की अच्छाई और बुराई हमारे आचरण पर निर्भर करती है। अगर हम अपने व्यवहार को सुधारेंगे, तो समाज में भी बदलाव आएगा।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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