सतगुर बपुरा क्या करै हिंदी मीनिंग Satguru Bapura Kya Kare Hindi Meaning

सतगुर बपुरा क्या करै हिंदी मीनिंग Satguru Bapura Kya Kare Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit, Kabir Ke Dohe Hindi Me.

सतगुर बपुरा क्या करै, जे सिषही माँहै चूक।
भावै त्यूँ प्रमोधि ले, ज्यूँ वंसि बजाई फूँक।।
Satagur Bapura Kya Karai, Je Shishahi Mahi Chook.
Bhaavai Tyoon Pramodi Le, Junn Vansee Bajaee Phoonk.
Satguru Bapura Kya Kare, Je Sishahi Mahi Chuk,
Bhave Tyu Pramodhi Le, Jyu Bansi Bajai Phunk.
 
कबीर के दोहे के शब्दार्थ Word Meaning of Kabir Doha
 
बपुरा -बेचारा, असहाय.
जे -जो.
सिषही -शिष्य में.
माँहै चूक-कमी का होना, अभाव.
भावै त्यूँ -चाहे जैसे भी.
प्रमोधि ले-समझाना.
ज्यूँ वंसि -जैसे बांसुरी.
बजाई फूँक-बांसुरी में फूँक मारना. 
 
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग : सतगुरु बेचारा क्या करे यदि शिष्य में ही खोट हो. यदि शिष्य में ग्राह्य क्षमता नहीं है तो भले ही गुरु उसे कितना ही ज्ञान दे दे वह उसे ग्रहण नहीं कर पाता है. जैसे बांसुरी में फूक मारने पर हवा बांसुरी से बाहर निकल जाती है वैसे ही शिष्य की ग्राह्य क्षमता के अभाव में वह ज्ञान की प्राप्ति नहीं कर पाता है। 

इस दोहे में शिष्य की ग्राह्य क्षमता और ध्यान केन्द्रण पर साहेब ने बताया है की भले ही गुरु कितना ही अच्छा ज्ञान दे दे, यदि शिष्य गुरु के ज्ञान के प्रति निष्ठावान नहीं है, गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण नहीं करता है तो शिष्य कुछ भी हासिल नहीं कर पाता है. दुसरे अर्थों में साहेब स्पष्ट करना चाहते हैं की गुरु के ज्ञान की महत्ता भी तभी है जब शिष्य इस हेतु पात्रता रखे. गुरु तत्व ज्ञान दे सकता है लेकिन साधक को चाहिए की वह गुरु के बताए गए मार्ग का अनुसरण करे. ब्रह्मज्ञान समझने के लिए आवश्यक है की साधक अक्षरसः गुरु के बताए मार्ग पर चले. 
 
What can a Satguru (Teacher) can do if the disciple is defective?, The disciple is confused due to influence of Maya. If the disciple does not have an acceptable capacity, then no matter how much knowledge the teacher gives him, he is not able to accept it. Just as the air blows out of the flute when it is blown into the flute, in the absence of the admissible capacity of the disciple, he is not able to acquire knowledge. In order to hold the knowledge of the Guru, it is necessary for the disciple to have merit.
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