अंशुमान नाम का अर्थ Anshuman Hindi Meaning Anshuman Name Ka Matlab
अंशुमान शब्द के समानार्थी शब्द सूरज, सूर्य, रवि, दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, भास्कर आदि होते हैं।
अंशुमान (सूर्यवंशी राजा सगर का पौत्र ) त्रेतायुग में अयोध्या के एक इक्ष्वाकुवंशी राजा थे। इक्षवाकु वंश के अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए और उनके पुत्र भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाकर अपने पूर्वजो को मुक्ति दिलाई।
अंशुमान नाम का मतलब Anshuman Naam Ka Matlab (Anshuman Naam Ka Hindi Me Matlab Kya Hota Hai)
अंशुमान नाम के कुछ अन्य अर्थ भी हैं, जैसे कि:
- किरणों से सुशोभित
- प्रकाशमान
- चमकीला
- चन्द्रमा
- अंशु, जिसका अर्थ है किरण
- मान, जिसका अर्थ है धारण करना
अतः, अंशुमान का अर्थ है सूर्य की किरणों को धारण करने वाला। यह नाम सूर्य के समान तेज और गौरव का प्रतीक है।
अंशुमान नाम के कुछ समानार्थी शब्द हैं:
- सूरज
- सूर्य
- रवि
- दिनकर
- दिवाकर
- प्रभाकर
- भास्कर
अंशुमान नाम का लिंग (Gender of Anshuman Name/ Anshuman Naam Ka Ling Kya Hota Hai)
अंशुमान नाम लड़कों (पु) का होता है, मतलब की यह नाम लड़कों का रखा जाता है। अंशुमान नाम की राशि Anshuman Naam Ki Rashi Kya Hoti Hai (Anshuman Naam Ki Rashifal Hindi)
मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा
अंशुमान नाम की मित्र राशि क्या होती है (Anshuman Naam Ki Mitra Rashi Kya Hoti Hai Hindi)
अंशुमान नाम का व्यक्तित्व/ Anshuman नाम का व्यक्तित्व कैसा होता है Anshuman Naam Ke Vyakti Ka Vyaktitatva Hindi (Anshuman Naam Ka Vyaktitv Kaisa Hota Hai)
अंशुमान मेष राशि से सबंधित नाम है। मेष राशि के लोग कार्य को फुर्ती/तेजी से करते हैं। मेष राशि से सबंध रखने के कारण अंशुमान नाम के व्यक्ति आशावादी और आत्मकेंद्रित होते हैं। अंशुमान के नाम के व्यक्ति निडर और झुझारू स्वभाव के होते हैं और शीघ्र हार नहीं मानते हैं। अंशुमान नाम के व्यक्ति चूँकि मेष राशि से सबंधित होते हैं इसलिए ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी, जिंदादिल होते हैं। मेष राशि के लोग जहाँ उपरोक्त गुणों को धारण करते हैं वहीँ पर अंशुमान नाम के व्यक्ति मेष राशि के प्रभाव के कारण ज़िद्दी, अनुशासन को कम मानने वाले और दूसरों से अधिक अपेक्षा रखने वाले होते हैं।
अंशुमान नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अंशुमान नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं। भगवान शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है।
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