अर्णव नाम का अर्थ Arnav Hindi Meaning Arnav Name Ka Matlab
अर्णव नाम का अर्थ Arnav Hindi Meaning Arnav Name Ka Matlab
अर्णव का हिंदी में अर्थ समुद्र, सागर, सूर्य, इंद्र अंतरिक्ष लहर और हवा होता है।
यह मूल रूप से संस्कृत भाषा का शब्द है. शब्दकोष के अनुसार अर्णव का हिंदी में विविध अर्थ होते हैं यथा अंतरिक्ष , समुद्र , धारा , इंद्र , सूर्य : रत्न , मणि इत्यादि. अर्णव के समानार्थी शब्द हैं जलधाम, अकूपाद, समुद्र, सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, वारिधि, नीरनिधि. अर्णव पुरुषवाचक संज्ञा है जिसका अर्थ विविध है यथा समुद्र (Sea), सूर्य (Sun), इंद्र (indra), अंतरिक्ष (Space), रत्न, मणि, जवाहिर, धारा और प्रवाह होता है।
यह मूल रूप से संस्कृत भाषा का शब्द है. शब्दकोष के अनुसार अर्णव का हिंदी में विविध अर्थ होते हैं यथा अंतरिक्ष , समुद्र , धारा , इंद्र , सूर्य : रत्न , मणि इत्यादि. अर्णव के समानार्थी शब्द हैं जलधाम, अकूपाद, समुद्र, सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, वारिधि, नीरनिधि. अर्णव पुरुषवाचक संज्ञा है जिसका अर्थ विविध है यथा समुद्र (Sea), सूर्य (Sun), इंद्र (indra), अंतरिक्ष (Space), रत्न, मणि, जवाहिर, धारा और प्रवाह होता है।
अर्णव नाम का मतलब Arnav Naam Ka Matlab (Arnav Naam Ka Hindi Me Matlab Kya Hota Hai)
अर्णव/अर्नब का हिंदी में मतलब सागर या समुद्र होता है. वर्तमान समय में अधिकतर अभिभावकों के द्वारा 'अर्णव' नाम को रखने का चलन बढ़ा है। अर्णव का नाम रखने के उद्देश्य से अर्थ समुद्र की भाँती विशाल, अंतरिक्ष की तरह से असीम और हवा की भाँती मुक्त होता है।
अर्णव नाम का लिंग (Gender of Arnav Name/ Arnav Naam Ka Ling Kya Hota Hai)
अर्णव नाम लड़कों (पु) का होता है, मतलब की यह नाम लड़कों का रखा जाता है।
अर्णव नाम की राशि Arnav Naam Ki Rashi Kya Hoti Hai (Arnav Naam Ki Rashifal Hindi)
अर्णव के नाम की राशि Mesh/मेष Aries (zodiac sign ) होती है। राशि चक्र में मेष
राशि प्रथम राशि होती है। मेष राशि का चिन्ह मेंढा/ पुरुष भेड़ होता है।
मेष राशि का सम्बद्ध पूर्व दिशा से होता है और मेष राशि का स्वामी गृह
'मंगल' होता है। मेष राशि का तत्व 'अग्नि' होता है।
मेष जातकों का शुभ अंक : 9
मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा
मेष जातकों का शुभ रंग : सफ़ेद
मेष जातकों का शुभ दिन : मंगलवार
मेष जातकों का शुभ रत्न : मूँगा
अर्णव नाम की मित्र राशि क्या होती है (Arnav Naam Ki Mitra Rashi Kya Hoti Hai Hindi)
अर्णव नाम की राशि मिथुन और सिंह होती है।अर्णव नाम का व्यक्तित्व/ Arnav नाम का व्यक्तित्व कैसा होता है Arnav Naam Ke Vyakti Ka Vyaktitatva Hindi (Arnav Naam Ka Vyaktitv Kaisa Hota Hai)
अर्णव मेष राशि से सबंधित नाम है। मेष राशि के लोग कार्य को फुर्ती/तेजी से करते हैं। मेष राशि से सबंध रखने के कारण अर्णव नाम के व्यक्ति आशावादी और आत्मकेंद्रित होते हैं। अर्णव के नाम के व्यक्ति निडर और झुझारू स्वभाव के होते हैं और शीघ्र हार नहीं मानते हैं। अर्णव नाम के व्यक्ति चूँकि मेष राशि से सबंधित होते हैं इसलिए ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी, जिंदादिल होते हैं। मेष राशि के लोग जहाँ उपरोक्त गुणों को धारण करते हैं वहीँ पर अर्णव नाम के व्यक्ति मेष राशि के प्रभाव के कारण ज़िद्दी, अनुशासन को कम मानने वाले और दूसरों से अधिक अपेक्षा रखने वाले होते हैं।
अर्णव नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अर्णव नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं। भगवान शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है।
अर्णव नाम के व्यक्ति गुसैल और कुछ चिड़चिड़े होते हैं। अर्णव नाम के व्यक्ति की राशि मेष होने के कारण इनको मंगल इनके स्वामी होते हैं इसलिए (जिनका जन्म 30 मार्च से 8 अप्रैल के मध्य हो ) भगवान शिव की पूजा आराधना सर्वोत्तम मानी जाती हैं। भगवान शिव आसानी से अपने भक्तों पर दया करते हैं, और इनकी पूजा अर्चना भी क्लिष्ट नहीं होती है। वैसे जन्म के लग्न के मुताबिक़ यह तय होता है की आपको किस देव की पूजा करनी चाहिए। लेकिन वृहद स्तर पर ॐ नम: शिवाय’ मन्त्र मेष राशि के व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। 20 मार्च से 18 अप्रैल के मध्य जन्म लेने वाले मेष राशि से सबंधित व्यक्तियों के लिए ॐ गं गणाधिपतये नत:’ मन्त्र शुभ रहता है। इस प्रकार मेष राशि के व्यक्तियों को अपने मूलाक्षर, जन्मतिथि के अनुसार श्री गणेश, श्री शिव एवं श्री विष्णु जी की पूजा करके अभीष्ट को प्राप्त करना हितकर होता है।
सुझाव व आपका यह लेख बहुत अच्छा था