पूत पियारो पिता कौं मीनिंग कबीर के दोहे

पूत पियारो पिता कौं मीनिंग Poot Piyaro Pita Ko Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

पूत पियारो पिता कौं, गौंहनि लागा धाइ।
लोभ मिठाई हाथ दे, आपण गया भुलाइ॥

Poot Piyaro Pita Ko, Gouhani Laga Dhaai.
Lobh Mithai Haath De, Aapan Gaya Bhulaai.
 
पूत पियारो पिता कौं मीनिंग Poot Piyaro Pita Ko Hindi Meaning

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Doha Hindi Word Meaning

पूत पियारो- प्रिय पुत्र.
पिता कौं-पिता/इश्वर.
गौंहनि-साथ.
लागा धाइ-दौडकर.
लोभ मिठाई हाथ दे-हाथ में लोभ मिठाई देकर.
आपण -अपनापन, निजतत्व. 

जीवात्मा अपने प्रिय पिता के पीछे चल रहा था, दौडकर मिल रहा था. माया से यह देखा नहीं गया और उसने साधक के हाथ में मिठाई को थमा दिया. माया ने जीवात्मा को भरमाने के लिए उसके हाथों में लोभ और विषय की मिठाई थमा दी है. 
विशेष है की कबीर साहेब ने माया को महाठगिनी कहा है। यह स्वंय के मूल स्वभाव को छुपा कर जीवात्मा को लालायित कर अपने भरम जाल में फांस लेती है, जिसे समझना अत्यंत ही आवश्यक है। इसे कौन समझ सकता है। यह ज्ञान सच्चा गुरु ही दे सकता है। लेकिन साधक को चाहिए की वह स्वविवेक से सच्चे गुरु की पहचान करे। गुरु धारण करने से पूर्व गुरु की पहचान भी आवश्यक है।
लोभ मिठाई से आशय माया के द्वारा जीव को भरमाने से है। जीवात्मा का मूल उद्देश्य ईश्वर में एकाकार हो जाना है।

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