हाँसी खेलौ हरि मिलै मीनिंग कबीर के दोहे

हाँसी खेलौ हरि मिलै मीनिंग Hansi Khelo Hari Mile Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Meaning.

हाँसी खेलौ हरि मिलै, तौ कौण सहे षरसान।
काम क्रोध त्रिष्णाँ तजै, ताहि मिलैं भगवान॥

Hasi Khelo Hari Mile, To Koun Sahe Sharsaan,
Kaam Krodh Trishna Taje, Taahi Mile Bhagwaan.
 
हाँसी खेलौ हरि मिलै मीनिंग Hansi Khelo Hari Mile Meaning Kabir Ke Dohe
 

कबीर दोहे का हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meaning with Word Meaning

हाँसी खेलौ - हंस खेलकर.
हरि मिलै-इश्वर मिले.
तौ कौण सहे - तो कौन सहे.
षरसान-तीखी धार, विपरीत परिस्थितिया.
काम क्रोध - विषय विकार.
त्रिष्णाँ तजै- तृष्णा को छोड़े.
ताहि मिलैं - उसी को मिलते हैं.

कबीर दोहे का हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meaning

हँसते, खेलते हुए सांसारिक विषय वासनाओं को ग्रहण करते हुए यदि इश्वर की प्राप्ति संभव हो जाए तो व्यर्थ ही में सान पर कौन चढ़े. विषय वासना और विषय भोगों से मुक्त होने के उपरान्त ही जीवात्मा को इश्वर की प्राप्ति हो सकती है. 
प्रस्तुत साखी में वक्रोक्ति और अनुप्रास अलंकार की व्यंजना हुई है. इश्वर की भक्ति भी खांडे की धार पर चलने के सामान टेढ़ा कार्य है. भक्ति को तलवार की तीखी धार बताया गया है.  
 
आइये शब्द के विषय में अधिक जानते हैं :-
खड़सान : खड़सान से आशय तेज धार से है, तेज़ सान की धार। (A whetstone, a bone, a grindstone. ) यहाँ इस दोहे में इस शब्द का आशय तेज धार पर कसौटी की तरह से चढ़ना है। 
तृष्णा : यह शब्द मूल रूप से संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है लालसा, कामना (प्यास, विशेष कामना रखनेवाला, विकल, Craving) यहाँ इस दोहे में तृष्णा से आशय सांसारिक विषय भोग की तीव्र लालसा रखने से है।

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