जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे Jatan Bina Mirag Ne

जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे Jatan Bina Mirag Ne Nath Ji Bhajan Jatan Bina Miraga Ne Khet Ujaadya

यह तन खेत के समान है और पाँचों इन्द्रियाँ मृग के समान हैं। बिना जतन के, बिना सूझ बुझ और रखवाली के मृग खेत को उजाड़ देता है। इसलिए खेत के रखवाले को सचेत होने की आवश्यकता है। पांच इन्द्रियां मृग हैं और पच्चीस मादा मृग हैं। शील और संतोष की बाड़ (सुरक्षा दीवार) बना कर ही कोई अपने खेत की रक्षा कर सकता है।
 
जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे Jatan Bina Mirag Ne Nath Ji Bhajan Jatan Bina Miraga Ne Khet Ujaadya

जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे,
हाँ रे तु तो सुण रे मिरग खेती वाला रे।

पाँच मिरगला पच्चीस मिरगली,
असली तीन चुगारा,
अपने अपने रस का भोगी,
चरता है न्यारा रे न्यारा रे।

मन रे मिरगले ने किस बिध रोकूँ,
बिडरत नाय बिडारया,
हो रामा बिडरत नाय बिडारया,
जोगी जंगम जती सेवड़ा,
पंडित पढ़ पढ़ हारया रे,
जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे,
हाँ रे तु तो सुण रे मिरग खेती वाला रे।

आम भी खाग्यो अमली भी खाग्यो,
खा गयो केसर त्यारा,
काया नगरिये में कछुयन छोड्यो,
ऐसो ही मिरग बिडारया रे,
जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे,
हाँ रे तु तो सुण रे मिरग खेती वाला रे।

शील संतोष की बाड़ संजोले,
ध्यान गुरु रखवाला,
प्रेम पार की बाण संजोले,
ज्ञान ध्यान से ही मारया रे,
जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे,
हाँ रे तु तो सुण रे मिरग खेती वाला रे।

नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा,
ऐसा मिरग बताया,
भानीनाथ शरण सत गुरु की,
बेगा ही बेग सम्भाल्या रे,
जतन बिना मिरगाँ न खेत उजाड्या रे,
हाँ रे तु तो सुण रे मिरग खेती वाला रे। 
 

Panch Miragla Pachis Miragli by Shree Navratan giri ji Maharaj

Jatan Bin Mirag Nai Khait Ujaady.
Jatan Bina Miragaan Na Khet Ujaadya Re,
Haan Re Tu To Sun Re Mirag Khetee Vaala Re.

Paanch Miragala Pachchees Miragalee,
Asalee Teen Chugaara,
Apane Apane Ras Ka Bhogee,
Charata Hai Nyaara Re Nyaara Re.

Man Re Miragale Ne Kis Bidh Rokoon,
Bidarat Naay Bidaaraya,
Ho Raama Bidarat Naay Bidaaraya,
Jogee Jangam Jatee Sevada,
Pandit Padh Padh Haaraya Re,
Jatan Bina Miragaan Na Khet Ujaadya Re,
Haan Re Tu To Sun Re Mirag Khetee Vaala Re.

Aam Bhee Khaagyo Amalee Bhee Khaagyo,
Kha Gayo Kesar Tyaara,
Kaaya Nagariye Mein Kachhuyan Chhodyo,
Aiso Hee Mirag Bidaaraya Re,
Jatan Bina Miragaan Na Khet Ujaadya Re,
Haan Re Tu To Sun Re Mirag Khetee Vaala Re.

Sheel Santosh Kee Baad Sanjole,
Dhyaan Guru Rakhavaala,
Prem Paar Kee Baan Sanjole,
Gyaan Dhyaan Se Hee Maaraya Re,
Jatan Bina Miragaan Na Khet Ujaadya Re,
Haan Re Tu To Sun Re Mirag Khetee Vaala Re.

Naath Gulaab Milya Guru Poora,
Aisa Mirag Bataaya,
Bhaaneenaath Sharan Sat Guru Kee,
Bega Hee Beg Sambhaalya Re,
Jatan Bina Miragaan Na Khet Ujaadya Re,
Haan Re Tu To Sun Re Mirag Khetee Vaala Re.
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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