जोगीड़ा रे भजन लिरिक्स Jogida Re Bhajan Meera Bai Bhajan (Rajasthani Bhajan)
प्रेमनगर रो पैण्डो न्यारो हरी,
प्रेम नगर रो पंथ न्यारो हरी,
आवज को राह बताव,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा
अगर चन्दन री चिता रे लगाऊं हरि,
अगर चन्दन री चिता रे लगाऊं हरि,
अपने हाथों से जलाय,
अपने हाथों से जलाय,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा
बळ जळ होवगी साँवरा,
भसम की ढेरी हरि,
बळ जळ होगी सांवरा,
भसम की ढेरी हरि,
अपने हाथों से लगाय,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा
बोल्या, मीरा बाई गिरधर गायो हरि,
बोल्या मीरा बाई,
गिरधर गायो हरि,
चरण कमल री दासी,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे,
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा,
प्रेम नगर रो पंथ न्यारो हरी,
आवज को राह बताव,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा
अगर चन्दन री चिता रे लगाऊं हरि,
अगर चन्दन री चिता रे लगाऊं हरि,
अपने हाथों से जलाय,
अपने हाथों से जलाय,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा
बळ जळ होवगी साँवरा,
भसम की ढेरी हरि,
बळ जळ होगी सांवरा,
भसम की ढेरी हरि,
अपने हाथों से लगाय,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा
बोल्या, मीरा बाई गिरधर गायो हरि,
बोल्या मीरा बाई,
गिरधर गायो हरि,
चरण कमल री दासी,
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे,
जा मत जा,
स्वामिड़ा रे, जा मत जा,
Jogida re I Mahesharam I Meera Bhajan I Rajasthan Kabir Yatra I Unplugged
Premanagar Ro Paindo Nyaaro Hari,
Prem Nagar Ro Panth Nyaaro Hari,
Aavaj Ko Raah Bataav,
Jogida Re, Svaamida Re
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja
Agar Chandan Ri Chita Re Lagaun Hari,
Agar Chandan Ri Chita Re Lagaun Hari,
Apane Haathon Se Jalaay,
Apane Haathon Se Jalaay,
Jogida Re, Svaamida Re
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja
Bal Jal Hovagi Saanvara,
Bhasam Ki Dheri Hari,
Bal Jal Hogi Saanvara,
Bhasam Ki Dheri Hari,
Apane Haathon Se Lagaay,
Jogida Re, Svaamida Re
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja
Bolya, Mira Bai Giradhar Gaayo Hari,
Bolya Mira Bai,
Giradhar Gaayo Hari,
Charan Kamal Ri Daasi,
Jogida Re, Svaamida Re,
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja,
Prem Nagar Ro Panth Nyaaro Hari,
Aavaj Ko Raah Bataav,
Jogida Re, Svaamida Re
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja
Agar Chandan Ri Chita Re Lagaun Hari,
Agar Chandan Ri Chita Re Lagaun Hari,
Apane Haathon Se Jalaay,
Apane Haathon Se Jalaay,
Jogida Re, Svaamida Re
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja
Bal Jal Hovagi Saanvara,
Bhasam Ki Dheri Hari,
Bal Jal Hogi Saanvara,
Bhasam Ki Dheri Hari,
Apane Haathon Se Lagaay,
Jogida Re, Svaamida Re
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja
Bolya, Mira Bai Giradhar Gaayo Hari,
Bolya Mira Bai,
Giradhar Gaayo Hari,
Charan Kamal Ri Daasi,
Jogida Re, Svaamida Re,
Ja Mat Ja,
Svaamida Re, Ja Mat Ja,
जोगीड़ा रे भजन लिरिक्स हिंदी मीनिंग
प्रेमनगर रो पैण्डो न्यारो हरी : प्रेम (भक्ति) का पथ (पैंडा) दुनिया से अलग है।
आवज को राह बताव : इसमें कैसे प्रवेश किया जाय इसका भेद/राह बताओ।
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे जा मत जा : साधू (जोगीड़ा) तुम मत जाओ, स्वामी तुम मत जाओ। इन पंक्तियों का भाव है की भक्ति के मार्ग का भेद निराला है, उसे कैसे प्राप्त किया जाए, इसका भेद तुम मुझको बताओ।
अगर चन्दन री चिता रे लगाऊं हरि : अगर मैं चन्दन की चिता पर बैठ जाऊं, (यह विरह की सर्वोच्च स्थिति का वर्णन है )
अपने हाथों से जलाय : हरी/ईश्वर तुम अपने हाथों से मुझे अग्नि दो।
बळ जळ होवगी साँवरा भसम की ढेरी हरि, : जल कर मैं भस्म हो गई हूँ और राख का ढेर बन गई हूँ।
बोल्या, मीरा बाई गिरधर गायो हरि : मीरा बाई ने हरी, गिरधर का गान किया, उनके भजनों को गाया।
चरण कमल री दासी : मीरा बाई तो हरी के चरण कमल की दासी हैं।
आवज को राह बताव : इसमें कैसे प्रवेश किया जाय इसका भेद/राह बताओ।
जोगीड़ा रे, स्वामिड़ा रे जा मत जा : साधू (जोगीड़ा) तुम मत जाओ, स्वामी तुम मत जाओ। इन पंक्तियों का भाव है की भक्ति के मार्ग का भेद निराला है, उसे कैसे प्राप्त किया जाए, इसका भेद तुम मुझको बताओ।
अगर चन्दन री चिता रे लगाऊं हरि : अगर मैं चन्दन की चिता पर बैठ जाऊं, (यह विरह की सर्वोच्च स्थिति का वर्णन है )
अपने हाथों से जलाय : हरी/ईश्वर तुम अपने हाथों से मुझे अग्नि दो।
बळ जळ होवगी साँवरा भसम की ढेरी हरि, : जल कर मैं भस्म हो गई हूँ और राख का ढेर बन गई हूँ।
बोल्या, मीरा बाई गिरधर गायो हरि : मीरा बाई ने हरी, गिरधर का गान किया, उनके भजनों को गाया।
चरण कमल री दासी : मीरा बाई तो हरी के चरण कमल की दासी हैं।
Shri PADAMA RAM JI MEGHWAL,A GREAT VOCALIST OF BHAJAN GAYAKI.
It is an Ancient Bhajan Gayaki tradition of the Western Rajasthan and SIndh. Meghwal community sings Bhajan in this tradition. Singers are called RIKHIYA, which means Rishis (kha is an allophone of sha).
It is an Ancient Bhajan Gayaki tradition of the Western Rajasthan and SIndh. Meghwal community sings Bhajan in this tradition. Singers are called RIKHIYA, which means Rishis (kha is an allophone of sha).
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