मुझे (मुखे ) हीर के कारण तख़्त (तख़्त हजारां -रांझा का गाँव जो की चनाब नदी के किनारे पर स्थापित था) छोड़ना पड़ा और तकदीर ने मुझे फ़कीर बना दिया है। यह मूल रूप से सिंधी भाषा का हीर (हीर सांग) है।
चा हरंदो अचीन चा खरादों अचिन, तुम क्या खर्च कर रहे हो और तुम क्या इकठ्ठा कर रहे हो ?
चा तुजी जिबान थी, चावे चा तुजा चाप था छावां, तुम्हारी जबान क्या कह रही है, तुम्हारे होंठ क्या कह रहे हैं।
हरंदो अचान दम, खरांदो अचान कदम, मैंने परम आनंद को चखा है, जैसे जैसे मैं आगे कदम रखती हूँ।
जिबान चावे थे ला इलाहा चाप चवान मुहमदुर रसूलअल्लाह,
मेरी जबान कह रही है की ला इलाही (एक ही मालिक, अल्लाह) मेरे होंठ रसूलअल्लाह का नाम कहते हैं।
मुखेत तखत छड़ायो हीर, मुझे हीर के कारण तख़्त हजारा छोड़ना पड़ा। तकदीर बनाया फ़कीर, तकदीर ने मुझे फ़कीर बना दिया। माई ए माई जोगी आया,
जग जग दी, नश्तर मार मेरे अंदर, मेढ़ी मूखे तख्त चढ़ायो हीर तखत चढ़ायो हीर वे तक़दीर बनायो फकीर मूखे तख्त चढ़ायो हीर वर में वंसी (Vanjali-Bansuri) बजाई हिक दर दर धूहङी दूखाई वर में वंसी बजाई दर दर दिलड़ी दूखाई दर दर धूहङी दूखाई अकल बड़ो अमीर, तख्त चढ़ायो हीर, तख्त चढ़ायो हीर वे तक़दीर बनायो फकीर तख्त चढ़ायो हीर मूखे तख्त चढ़ायो हीर
तख्त चढ़ायो हीर मूखे तख्त चढ़ायो हीर तख्त चढ़ायो हीर वे तक़दीर बनायो फकीर मूखे तख्त चढ़ायो हीर तख्त चढ़ायो हीर वे तक़दीर बनायो फकीर तख्त चढ़ायो हीर हिक हीर जा माणु आयो खाशी खबर बुधायो हिक हीर जा माणु आयो खाशी खबर बुधायो खबर बुधायो हासम खे जल्दी पायो सीर तख्त चढ़ायो हीर तख्त चढ़ायो हीर वे तक़दीर बनायो फकीर तख्त चढ़ायो हीर मूखे तख्त चढ़ायो हीर तक़दीर बनायो फकीर तख्त चढ़ायो हीर
Takht Chadayo Heer I Sawan Khan I Rajasthan Kabir Yatra I Unplugged
Maee E Maee Jogee Aaya, Jag Jag Dee, Nashtar Maar Mere Andar, Medhee Mookhe Takht Chadhaayo Heer Takht Chadhaayo Heer Ve Taqadeer Banaayo Phakeer Mookhe Takht Chadhaayo Heer Var Mein Vansee Bajaee Hik Dar Dar Dhoohanee Dookhaee Var Mein Vansee Bajaee Dar Dar Diladee Dookhaee Dar Dar Dhoohanee Dookhaee Akal Bado Ameer, Takht Chadhaayo Heer, Takht Chadhaayo Heer Ve Taqadeer Banaayo Phakeer Takht Chadhaayo Heer Mookhe Takht Chadhaayo Heer