क्या लेके आया जगत में भजन

क्या लेके आया जगत में भजन

क्या लेके आया जगत में लिरिक्स Kya Leke Aaya Jagat Me Lyrics

इस जगत सराए में,
मुसाफ़िर रहना दो दिन का,
रहना दो दिन का,
मुसाफ़िर रहना दो दिन का,
रहना दो दिन का,
क्यों वीरथा करे ग़ुमान,
मूरख इस धन और जोबन का,
नाहीं भरोसा पल का,
यूँ ही मर जाएगा,
दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला,
क्या लेके आया जगत में,
क्या लेके जाएगा,
दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला।

इस काय का है भाग,
भाग बिन पाया नहीं जाता,
करम बिना नसीब फ़ल,
तोड़ खाया नहीं जाता,
कहे सत्य नाम जग ये,
झूठा झमेला,
दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला,
क्या लेके आया जगत में,
क्या लेके जाएगा,
दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला।

दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला,
क्या लेके आया जगत में,
क्या लेके जाएगा,
दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला। 
 

Do Din Ki Zindagi Hai Do Din Ka Mela I Kya Le Ke Aaya I Kabir Cafe I Rajasthan Kabir Yatra

Jagat Sarae Mein,
Musaafir Rahana Do Din Ka,
Rahana Do Din Ka,
Musaafir Rahana Do Din Ka,
Rahana Do Din Ka,
Kyon Veeratha Kare Gumaan,
Moorakh Is Dhan Aur Joban Ka,
Naaheen Bharosa Pal Ka,
Yoon Hee Mar Jaega,
Do Din Kee Jindagee Hai,
Do Din Ka Mela,
Kya Leke Aaya Jagat Mein,
Kya Leke Jaega,
Do Din Kee Jindagee Hai,
Do Din Ka Mela.
इस भजन में, भक्त इस बात पर विचार कर रहा है कि मानव जीवन अस्थायी है। वह कहता है कि दुनिया एक सराय है, और हम सभी इसमें मुसाफिर हैं। हमारा जीवन केवल दो दिन का है, और हम कुछ भी अपने साथ नहीं ले जा सकते जब हम मर जाते हैं। भक्त यह भी कहता है कि धन और जवानी पर भरोसा करना मूर्खता है। ये सब चीजें अस्थायी हैं, और वे हमें स्थायी खुशी नहीं दे सकती हैं। केवल ईश्वर में विश्वास ही हमें वास्तविक शांति और संतुष्टि दे सकता है।
 
Producer: Gopal Singh Chouhan
Composer: Naval Shrimali
Lyricist: Gopal Singh Chouhan
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