अंक भरे भरि भेटिया मन मैं नाँहीं धीर हिंदी मीनिंग Ank Bhare Bhari Bhetiya Man Main Nahi Dheer Meaning

अंक भरे भरि भेटिया मन मैं नाँहीं धीर हिंदी मीनिंग Ank Bhare Bhari Bhetiya Man Main Nahi Dheer Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

अंक भरे भरि भेटिया, मन मैं नाँहीं धीर।
कहै कबीर ते क्यूँ मिलैं, जब लग दोइ सरीर॥
Ank Bhare Bhari Bhetiya, Man Main Nahi Dheer,
Kahe Kabir Te Kyu Mile, Jab Lag Doi Sharir.

कबीर साखी/दोहा हिंदी शब्दार्थ Kabir Sakhi/Doha Hindi meaning.

अंक - गोद में भरकर,
भरि भेटिया- आलिंगन करना, मिलना.
मन मैं नाँहीं धीर- मन में धैर्य नहीं है.
क्यूँ मिलैं- कैसे मिल सकते हैं.
जब लग -जब तक.
दोइ सरीर- जब तक दोयम की भावना है, एकाकार नहीं है.

कबीर दोहा/साखी हिंदी मीनिंग Kabir Doha/Sakhi Hindi Meaning.

आत्मा अपने प्रिय से गोद भरकर, पूर्ण रूप से आलिंगन करती है लेकिन फिर भी मन में धैर्य नहीं है. उसकी मिलने की इच्छा पूर्ण नहीं हुई है. प्रगाढ़ मिलन के उपरान्त भी साधक के मन में धैर्य नहीं हुआ है, तृप्ति नहीं मिली है. जब तक साधक और ईश्वर के मध्य द्वेत का भाव है तब तक पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति संभव नहीं होती है. इश्वर की प्राप्ति के लिए आवश्यक है की साधक अपने अहम् को नष्ट कर ले और पूर्ण निष्ठां से, हृदय से हरी के नाम का सुमिरण करे.

अन्य कई स्थानों पर साहेब ने वाणी दी है की द्वेत भाव को समूल नष्ट करने पर ही भक्ति संभव है क्योंकि प्रेम की गली अति संकड़ी है जिसमे अहम् और गोविन्द दोनों एक साथ समा नहीं सकते हैं. उक्त साखी में अनुप्रास अलंकार की व्यंजना हुई है.
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