सुरति समाँणो निरति मैं निरति रही निरधार Surati Samano Nirati Me Meaning

सुरति समाँणो निरति मैं निरति रही निरधार Surati Samano Nirati Me Meaning

 
सुरति समाँणो निरति मैं,  निरति रही निरधार। सुरति निरति परचा भया,  तब खूले स्यंभ दुवार॥

सुरति समाँणो निरति मैं,  निरति रही निरधार।
सुरति निरति परचा भया,  तब खूले स्यंभ दुवार॥

Surati Samano Nirati Me, Nirati Rahi Nirdhaar,
Surati Nirati Pacha Bhaya, Tab Khule Swayambh Duvaar.


Kabir Doha/Sahi Hindi Meaning कबीर दोहा / साखी हिंदी मीनिंग
  • सुरति-प्रभु प्रेम, स्मृति.
  • समाँणो-समा गई है.
  • निरति मैं-वैराग्य में/निरंतर प्रेम.
  • निरधार-अवलंब रहित.
  • परचा भया-चमत्कार.
  • स्यंभ दुवार शम्भू का द्वार.

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग Kabir Doha Hindi Meaning
इस पद में कबीर साहेब की वाणी है की श्रुति (इश्वर प्रेम रस) निरति में समा गया है. भगवान् का सुमिरण अनंत प्रेम में परिवर्तित हो गया है. इस प्रेम का कोई भी द्रष्टिगत या भौतिक आधार नहीं है. पूर्व में साधक का जो ध्यान बाहर भटक रहा था अब वह अंतर्मन में लग गया है. सुरती और निरति का यह मिलन किसी चमत्कार से कम नहीं है इस प्रकार से ब्रह्म के द्वार खुला है. जब साधना का प्रभु भक्ति से मिलन हो जाता है तो फिर इश्वर की प्राप्ति संभव हो पाती है. प्रेम जब निरंतर और अविरल प्रेम की धारा में बदल जाता है तो अवश्य ही आत्म द्वार खुल जाते हैं.

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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