दूजे दिन नहीं करि सके तीजे दिन करू जाय मीनिंग Duje Din Nahi kari Sake Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.
दूजे दिन नहीं करि सके, तीजे दिन करू जाय |
कबीर साधु दरश ते, मोक्ष मुक्ति फल न पाय ||
Duje Din Nahi Kari SAke, Teeje Din Karu Jay,
Kabir Sadhu Darash Te, Moksh Mukti Phal Pay.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग / अर्थ Kabir Ke Dohe Ka Hindi Meaning/Arth(Bhavarth)
कबीर साहेब गुरु के दर्शन के प्रति सन्देश देते हैं की यदि तुम दूजे दिन संतजन के दर्शन नहीं कर सको तो हर तीसरे दिन करो। साधू के दर्शन से ही मोक्ष और मुक्ति प्राप्त होती है। आशय है की गुरु के सानिध्य से ही मुक्ति फल प्राप्त होता है। इसके लिए हमें चाहिए की हम नित्य ही गुरु के दर्शन करें। इस दोहे में भी संत कबीर दास जी ने साधु के दर्शन के महत्व को बताया है। वे कहते हैं कि यदि किसी भक्त को साधु के दर्शन दूसरे दिन करने का समय न मिले, तो वह तीसरे दिन भी करे। क्योंकि साधु के दर्शन से जीव मोक्ष और मुक्ति प्राप्त कर सकता है।