पतंजलि लक्ष्मी विलास रस के फायदे Patanjali Laxmi Vilas Ras Ke Fayade Mahalaxmi Vilas Ras Benefits, Usages.
पतंजलि लक्ष्मी विलास रस वटी (टेबलेट्स) के रूप में उपलब्ध होती है। इस ओषधि में मुख्य रूप से धातुओं (भस्म) का उपयोग होता है इसलिए इसके सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह आवश्यक है। भले ही यह आयुर्वेदिक ओषधि है लेकिन कभी भी आप स्वंय अपने अनुसार इसका उपयोग ना करें।
भैषज्य रत्नावली से हमें इसके बारे में विस्तार से पता चलता है। इस ओषधि का उपयोग कफ रोगों, सरदर्द में भी कारगर माना जाता है। इसके अतिरिक्त यह ओषधि मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करता है, फेफड़ों को सुदृढ़ करता हैं, प्रजनन अंगों की कमजोरी, हृदय की दुर्बलता, उदर विकार, कमजोर पाचन क्रिया आदि विकारों में लाभकारी होती है।
पतंजलि लक्ष्मी विलास रस के घटक द्रव Patanjali Laxmi Vilas Ras Ke Ghatak Drav (Ingredients of Patanjali Laxmi Vilas Rasa)
- शुद्ध पारा (Sudha Murcury)
- शुद्ध गंधक (Sudha Gandhak)
- अभ्रक भस्म (Abhrak Bhasma)
- कर्पूर, जावित्री
- जायफल
- विधारा बीज
- सतावरी
- नागबला
- अतिबाला
- गोखरू
- पान पत्र रस
उल्लेखनीय है की भैषज्य रत्नावली के अनुसार महालक्ष्मी विलास रस, यथा बैद्यनाथ महालक्ष्मी विलास रस में निम्न घटक द्रव होते हैं -
अभ्रक भस्म, शुद्ध गंधक, शुद्ध पारा, वंग भस्म ,स्वर्ण माक्षिक भस्म, ताम्र भस्म ,कपूर ,जावित्री, जायफल ,विधारा ,धतूरे के बीज ,चांदी भस्म, स्वर्ण भस्म इत्यादि।
अभ्रक भस्म, शुद्ध गंधक, शुद्ध पारा, वंग भस्म ,स्वर्ण माक्षिक भस्म, ताम्र भस्म ,कपूर ,जावित्री, जायफल ,विधारा ,धतूरे के बीज ,चांदी भस्म, स्वर्ण भस्म इत्यादि।
यह भी देखें You May Also Like
- कब्ज का घरेलु इलाज home remedies to relieve constipation naturally
- बैद्यनाथ हिंग्वाष्टक चूर्ण फायदे और सेवन Baidyanath Hingvashtak Churn Benefits and Uses
- ग्रहणी रोग लक्षण कारण घरेलु समाधान Irritable Bowel Syndrome (IBS) Hindi
- कपर्दक भस्म के फायदे और उपयोग Kapardak Bhasm Benefits Usages Hindi
- बैद्यनाथ श्वास चिंतामणि रस के फायदे उपयोग Baidyanath Swas Chintamani Ras Ke Fyade, Doses, Usages Price
- पतंजलि स्वर्ण बसंत मालती रस के फायदे, उपयोग प्राइस Patanjali Swarn Vasant Malati Benefits Price, Doses
- पतंजलि लक्ष्मी विलास रस के फायदे Patanjali LaxmiVilas Ras Ke Fayade, Usases Doses Price
- बैद्यनाथ महालक्ष्मी विलास रस के फायदे Baidyanath Mahalakshmi Vilas Ras Ke Fayade
- अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे घटक उपयोग Avipattikar Churna Benefits Ayurvedic Medicine for Acidity
- पतंजलि अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Divya Avipattikar Churna Benefits
पतंजलि लक्ष्मी विलास रस के फायदे Patanjali Laxmi Vilas Ras Ke Fayade (Benefits of Patanjali Laxmi Vilas Rasa)
फेफड़ों के विकारों को दूर करने में पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) के फायदे पतंजलि
फेफड़ों के संक्रमण, वायु मार्ग में सूजन/रुकावट, कफ़ज जनित विकारों में पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) सेवन अत्यंत ही लाभकारी होता है। समस्त प्रकार के फेफड़ों के विकारों के लिए यह ओषधि लाभकारी होती है।
प्रायः इसे शहद के साथ चाटने पर पुराने जुकाम, नाक का बंद रहना, नजला ठीक होता है और शरीर में बढ़ा हुआ कफ कम होता है। जिन व्यक्तियों को पुराना सर्दी जुकाम हो और दूर ना हो रहा हो, उनके लिए महालक्ष्मी विलास रस गुणकारी ओषधि होती है। पुरानी खाँसी विकार में इस ओषधि को टंकण भष्म के साथ शहद के साथ लेने पर खांसी दूर होती है।
प्रायः इसे शहद के साथ चाटने पर पुराने जुकाम, नाक का बंद रहना, नजला ठीक होता है और शरीर में बढ़ा हुआ कफ कम होता है। जिन व्यक्तियों को पुराना सर्दी जुकाम हो और दूर ना हो रहा हो, उनके लिए महालक्ष्मी विलास रस गुणकारी ओषधि होती है। पुरानी खाँसी विकार में इस ओषधि को टंकण भष्म के साथ शहद के साथ लेने पर खांसी दूर होती है।
पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) के अन्य लाभ/फायदे :-
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है और बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
- वात जनित विकारों में पतंजलि लक्ष्मीविलास रस ( अत्यंत ही लाभकारी होता है। आधाशीशी का दर्द, कानों में सीटी जैसा बजना, जीर्ण सरदर्द में उपयोगी ओषधि है।
- सन्निपात में उपयोगी। जीर्ण कफज व वातज रोगों के उपचार में भी पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) प्रभावी ओषधि है।
- अभ्रक भस्म यसद भस्म, सितोफलादी चूर्ण और पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) को शहद के साथ लेने पर निमोनिया में सुधार होता है।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) के साथ गोदंती भस्म लेने से पुराना ज्वर शांत होता है और शरीर में आई कमजोरी, हाथ पैरों की जलन आदि दूर होते हैं।
- कास रोगों में पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) वटी का चूर्ण बनाकर, को सितोपलादि चूर्ण के साथ शहद के साथ लेने से लाभ मिलता है।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) कफ के कारण मंद पाचन अग्नि को नियमित करता है और शरीर में आई कमजोरी को दूर करता है। पाचन तंत्र दुरुस्त होता है शरीर में ओज बढ़ता है। आँतों की कार्य प्रणाली को दुरुस्त करने में यह लाभकारी ओषधि है।
- शारीरिक कमजोरी के कारण आए ज्वर को दूर करने में उपयोगी।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को सन्तुलित करने में सहायक है।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस गले की सूजन, ज्वर निमोनिया, अस्थमा, बवासीर , टांसिल, और गले के विकारों में लाभकारी ओषधि है।
- कुष्ठ रोग में भी इस ओषधि का उपयोग किया जाता है।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस ह्रदय में दर्द , धड़कन की गति , कमजोरी आदि में सहायक होती है।
- गठिया बाय के विकार में भी यह ओषधि लाभकारी होती है।
- हृदय और रक्तवाहिनी शिराओं पर इस ओषधि का उत्तम प्रभाव होता है। अनियमित हृदयगति, सीने में दर्द आदि विकारों में यह ओषधि कारगर होती है।
- गोदन्ती भस्म के साथ पतंजलि लक्ष्मीविलास रस का सेवन करने से फेफड़ों की कमजोरी शीघ्र दूर होती है और कास, श्वास विकार नष्ट होते हैं।
- मानसिक तनाव के कारण हृदय गति का क्षीण हो जाना, घबराहट शरीर में कम्पन का बने रहना आदि विकारों में भी इसका सेवन किया जाता है। ऐसे विकारों के लिए मोती पिष्टी अथवा प्रवाल चन्द्रपुटी के साथ महालक्ष्मी विलास रस को शहद (मधु) के साथ लेने पर लाभ प्राप्त होता है।
पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) के दुष्प्रभाव laxmi Vilas Ras Side Effects in Hindi
महालक्ष्मीविलास रस यद्यपि एक आयुर्वेदिक औषधि है लेकिन यह धातु से निर्मित होती है इसलिए इसका सेवन स्वंय नहीं करना चाहिए। स्वय से इसका सेवन खतरनाक साबित हो सकता है। किसी भी व्यक्ति की शरीर की तासीर, रोग की जटिलता, देशकाल, आयु, खानपान के मुताबिक़ वैद्य उपचार बताता है, इसलिए किसी भी ओषधि का सेवन स्वंय नहीं करना चाहिए।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) को वैद्य की सलाह के उपरान्त निर्धारित मात्रा में लेना चाहिए।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) को लम्बे समय तक नहीं लेना चाहिए।
- वैद्य के द्वारा बताई गई पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) की मात्रा से अधिक खुराक को लेने से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं ।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) का सेवन प्राय नहीं करना चाहिए।
- पतंजलि लक्ष्मीविलास रस (Patanjali Laxmivilas Ras) को बताए गए तरीके से भंडारण करें।
अधिक जानकारी के लिए आप पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें।
पतंजलि लक्ष्मी विलास रस के विषय पर पतंजलि का कथन
Laxmivilas Ras is a traditional Ayurvedic formulation that cures a cough, cold and rhinitis. It soothes the throat and sinuses. It loosens the mucus accumulated in the chest thus making it easy to cough it up. It also cures body aches and temperature. It boosts your immune system and prevents further infections.
पतंजलि लक्ष्मी विलास रस के की कीमत Patanjali Laxmivilas Ras Price
यह भी देखें You May Also Like
- पतंजलि कुटज घनवटी के फ़ायदे और घटक Patanjali Kutaj Ghanvati Benefits
- कुटजादि वटी क्या होती है कुटजादि वटी के फायदे Kutjaadi (Kutaj Vati ) Vati Benefits Hindi
- ग्रहणी रोग लक्षण कारण घरेलु समाधान Irritable Bowel Syndrome (IBS) Hindi
- कपर्दक भस्म के फायदे और उपयोग Kapardak Bhasm Benefits Usages Hindi
- बैद्यनाथ श्वास चिंतामणि रस के फायदे उपयोग Baidyanath Swas Chintamani Ras Ke Fyade, Doses, Usages Price
- पतंजलि स्वर्ण बसंत मालती रस के फायदे, उपयोग प्राइस Patanjali Swarn Vasant Malati Benefits Price, Doses
- पतंजलि लक्ष्मी विलास रस के फायदे Patanjali LaxmiVilas Ras Ke Fayade, Usases Doses Price
- बैद्यनाथ महालक्ष्मी विलास रस के फायदे Baidyanath Mahalakshmi Vilas Ras Ke Fayade
- बैद्यनाथ गैसांतक बटी के फायदे परिचय सेवन विधि Baidyanath Gaisantak Bati Ke Fayade Aur Upyog
वर्तमान में पतंजलि लक्ष्मी विलास रस का मूल्य Laxmivilas Ras 20 gm MRP: Rs 56 (Inclusive of all taxes) है। नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें, जिसका लिंक ऊपर दिया गया है।
पाचन को सुधारने और कब्ज दूर करने की आयुर्वेदिक ओषधि Ayurveda Medicine To Improve Digestion System Hindi
- पतंजलि दिव्य चूर्ण के फायदे और घटक Patanjali Divya Churn Benefits
- पतंजली शुद्धि चूर्ण क्या है, शुद्धि चूर्ण उपयोग और लाभ कब्ज दूर करे शुद्धि चूर्ण
- पतंजलि उदरकल्प चूर्ण के फायदे कब्ज करें दूर।
- उदरामृत वटी क्या है उदरामृत वटी के लाभ, उपयोग और इसके घटक
- अविपत्तिकर चूर्ण : आफरा, भारीपन और गैस करे दूर Avipattikar Churna Benefits Ayurvedic Medicine for Acidity
- बैद्यनाथ गैसांतक बटी : गैस दूर करने की ओषधि। परिचय और लाभ/फायदे।
- हिंग्वाष्टक चूर्ण : परिचय और उपयोग (गैस, कब्ज दूर करने की ओषधि )
- अविपत्ति कर चूर्ण : आफरा, पेट दर्द अपच की ओषधि।
- पतंजलि उदारकल्प चूर्ण : कब्ज और पाचन के लिए : उपयोग और फायदे।
पतंजलि लक्ष्मीविलास रस का सेवन Doses of Patanjali Laxmivilas Ras Hindi
जैसा की पूर्व में बताया गया है, यह एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसे आप वैद्य की सलाह के उपरान्त ही लें। इसमें धातु भस्म का उपयोग होता है, इसलिए कभी भी आप अपनी मर्जी से इस ओषधि का सेवन नहीं करें। सामान्य रूप से वैद्य की सलाह के उपरान्त इसे आप खाने के बाद ०१ टेबलेट पानी के साथ ले सकते है
पतंजलि लक्ष्मीविलास रस के सबंध में सावधानियां Safety information Patanjali Laxmivilas Ras
- लेबल पर दी गई सूचनाओं को सावधानी से पढ़ें। Read the label carefully before use
- वैद्य की सलाह के उपरान्त ही इसका सेवन करें, अधिक मात्रा हानिकारक होती है। निर्धारित मात्रा से अधिक इसका सेवन ना करें। Do not exceed the recommended dose
- इस ओषधि को बच्चों की पहुँच से दूर रखें। Keep out of the reach and sight of children
विधारा/बिधारा के विषय में अधिक जानिये।
विधारा : Learn More About Vidhara गिलोय की भांति ही विधारा (वानस्पतिक नाम Argyreia nervosa (Burm. ) Boj.) भी एक लता वर्ग की ओषधीय गुणों से भरपूर हर्ब है। विधारा को कई नामों से जाना जाता है यथा समन्दर-का-पाटा, समुद्रशोष, घावपत्ता, विधारा, वृद्धदारुक, आवेगी, छागात्री, वृष्यगन्धिका, वृद्धदारु, ऋक्षगन्धा, अजांत्री, दीर्घवल्लरी आदि। आयुर्वेद में विधारा के बहुत लाभ बताये गए हैं।
ऐसा कहा जाता है की यदि कटे हुए मांस को इस पत्ते की सहायता से जोड़ दिया जाता है। घाव भरने में विधारा का उपयोग चमत्कारिक माना जाता है। विधारा का उपयोग जोड़ों का दर्द, गठिया, बवासीर, सूजन, डायबिटीज, खाँसी, पेट के कीड़े, सिफलिश, एनीमिया, मिरगी, मैनिया, दर्द और दस्त आदि रोगों के उपचार हेतु सदियों से किया जाता रहा है। गैंग्रीन आदि रोगों के लिए भी विधारा का उपयोग लाभदायी माना जाता है। समस्त स्नायु के रोगों के लिए भी विधारा का उपयोग लाभदायी होता है। विधारा के साथ अश्वगंधा का उपयोग करने से जोड़ों के दर्द में बहुत लाभ मिलता है। विधारा के उपयोग से शारीरिक और मानसिक कमजोरी दूर होती है।
एंटी बेक्टेरियल और एंटी इंफ्लामेन्ट्री गुणों के कारन यह घाव को भरने में मदद करता है और सूजन को भी कम करता है। पुराने लोग घाव को ठीक करने के लिए विधारा के पत्तों को पीस कर घाव पर लगाते आये हैं जिससे घाव शीघ्र ठीक हो जाता है। स्वाद में यह तीखा और कड़वा होता है साथ ही तासीर में गर्म होता है। यह पचने में सरल होता है और पाचन को दुरुस्त करता है। इसके उपयोग से वात और कफ दोनों ही शांत होते हैं और साथ ही यह पाचन तंत्र को मजबूत करने वाली ओषधि भी मानी जाती है। विधारा का उपयोग अश्वगंधा चूर्ण के साथ करने से पुरुषों में वीर्य मजबूत होता है और आयुजनित प्रभाव कम होते हैं। मधुमेह और मूत्र विकारों में भी इसका उपयोग लाभदायी होता है।
विधारा के फायदे Vidhara Ke Fayade (Benefits of Vidhara)
विधारा जोड़ों के दर्द, गठिया, मांसपेशियों की सूजन, डायबिटीज, कास (खाँसी), फेफड़ों को शक्ति प्रदान करने वाला होता है।
- पेट दर्द के लिए भी विधारा एक उपयोगी ओषधि होती है।
- मधुमेह में विधारा लाभकारी होती है।
- विधारा में घाव को भरने की शक्ति होती है। (NCBI Link)
- विधारा के बीजों में जीवाणुरोधी, एंटीफंगल, एंटीप्रोटोजोअल, एंटीवायरल आदि गुण होते हैं।
Source/सन्दर्भ
- Wound healing activity of Argyreia nervosa leaves extract
- Argyreia speciosa (Linn. f.) sweet: A comprehensive review
यह भी पढ़ें :
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple
and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life
and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.