रंग रंग का फूल खिले भजन प्रहलाद सिंह टिपानिया

रंग रंग का फूल खिले भजन प्रहलाद सिंह टिपानिया Rang Rang Ka Phool Khile Re (Prahlad Singh Tipaniya)

 
रंग रंग का फूल खिले लिरिक्स Rang Rang Ka Phul Khile Lyrics, Rang Rang Ka Phool Khile Re (Prahlad Singh Tipaniya)

साखी
रंग ही से रंग उपजे, और सब रंग देखा एक ।
कौन रंग है जीव का, और ताका करो विवेक ।।
सब रंग पानी से हुआ, और सब रंग पानी के माय।
 कौन रंग है नीर का, सो मोहे देवो बताय
भजन
म्हारी रामबाग गुलजार, म्हारी हरी बाग गुलजार।
रंग रंग का फूल खिले रे, रंग रंग के फूल खिले रे।।
हां......हां रे...
तख्त चार चोरासी रे क्यारी, जिनकी सड़का न्यारी रे न्यारी।
पेड़ों से पेड़ बड़े रे , रंग रंग का फूल खिले रे।।
हां.....हां रे....
कुआं ईणा रे बाग के माई, धोरा तीन लाग्या वाका माई।
कुआं से तो बाग पीवे रे, रंग रंग रा फूल खिले रे।।
हां......हां रे,
मालण इणा बाग के माई भरधोभा फूलन का या लाई।
मुख आगे तो लाईने धरे रे, रंग रंग का फूल खिले रे।।
हां.....हां रे....
मंछा रे मालण माला रे पोई, दिल चाहे लई जावो रे कोई।
देवन का तो शीश चढ़े रे, रंग रंग का फूल खिले रे।।
हां.....हां रे....
रामानंद गुरु माला रे दीनी, साहब कबीर ने प्रेम कर लीनि ।
घट माई तो माला फिरे रे, रंग रंग का फूल खिले रे।।
हां.....हां रे....
रंग रंग का फूल खिले रे, रंग रंग के फूल खिले रे।।

रंग रंग का फूल खिले II Rang Rang Ka Fool Khile II Live Performance Punchguni

Bhajan by : Sant Kabir
Main Vocal : Padmashri Prahlad Singh Tipanya
chours : Ashok Tipaniya
Violin : Devnarayan Saroliya
Dholak : Ajay Tipaniya
Harmonium : Dharmandra Tipaniya
Video: Wangyal
Stills: Amit Tirkey
Sound editing : Peeter Jamra
Program Venue : MRA Centre Punchguni
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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