साखी रंग ही से रंग उपजे, और सब रंग देखा एक । कौन रंग है जीव का, और ताका करो विवेक ।। सब रंग पानी से हुआ, और सब रंग पानी के माय। कौन रंग है नीर का, सो मोहे देवो बताय भजन म्हारी रामबाग गुलजार, म्हारी हरी बाग गुलजार।
रंग रंग का फूल खिले रे, रंग रंग के फूल खिले रे।। हां......हां रे... तख्त चार चोरासी रे क्यारी, जिनकी सड़का न्यारी रे न्यारी। पेड़ों से पेड़ बड़े रे , रंग रंग का फूल खिले रे।। हां.....हां रे.... कुआं ईणा रे बाग के माई, धोरा तीन लाग्या वाका माई। कुआं से तो बाग पीवे रे, रंग रंग रा फूल खिले रे।। हां......हां रे, मालण इणा बाग के माई भरधोभा फूलन का या लाई। मुख आगे तो लाईने धरे रे, रंग रंग का फूल खिले रे।।
Prahlad Singh Tipaniya Bhajan Lyrics in Hindi
हां.....हां रे.... मंछा रे मालण माला रे पोई, दिल चाहे लई जावो रे कोई। देवन का तो शीश चढ़े रे, रंग रंग का फूल खिले रे।। हां.....हां रे.... रामानंद गुरु माला रे दीनी, साहब कबीर ने प्रेम कर लीनि । घट माई तो माला फिरे रे, रंग रंग का फूल खिले रे।। हां.....हां रे....
रंग रंग का फूल खिले रे, रंग रंग के फूल खिले रे।।
रंग रंग का फूल खिले II Rang Rang Ka Fool Khile II Live Performance Punchguni
Bhajan by : Sant Kabir Main Vocal : Padmashri Prahlad Singh Tipanya chours : Ashok Tipaniya Violin : Devnarayan Saroliya Dholak : Ajay Tipaniya Harmonium : Dharmandra Tipaniya Video: Wangyal Stills: Amit Tirkey Sound editing : Peeter Jamra Program Venue : MRA Centre Punchguni
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