आई सावन की रुत लागे न्यारी भजन

आई सावन की रुत लागे न्यारी भजन

आई सावन की रुत,
लागे न्यारी,
झूला झूलन चलो,
राधा प्यारी।

चलकर बागन में,
देखेंगे हिंडोला,
देख कर जा को,
निर्मल हो चौला,
दौड़ी आई हैं,
सखियाँ सारी,
आई सावन की रुत,
लागे न्यारी,
झूला झूलन चलो,
राधा प्यारी।

वहीँ बागन में पावे कन्हैया,
बंसी बाजे, कदम की छैयां,
ऊँची डाली पे बैठे मुरारी,
आई सावन की रुत,
लागे न्यारी,
झूला झूलन चलो,
राधा प्यारी। 
सावन के अन्य बृज लोकगीत
हिंडोला बाग़ में डालो रे, झुलन आई राधिका प्यारी रै,
हिंडोला बाग़ में डालो रे, झुलन आई राधिका प्यारी रै।

काहे के खंब गड़वाये रे, काहे की डालीं डोरियाँ प्यारी रै,
हिंडोला बाग़ में डालो रे, झुलन आई राधिका प्यारी रै।

चन्दन के खम्ब गड़वाये रे, रेशम की डाली डोरियाँ प्यारी रै,
हिंडोला बाग़ में डालो रे, झुलन आई राधिका प्यारी रै।

धीरे से झूला देओ गिरधारी रे, हमें तो डर लग रहा भारी रै,
हिंडोला बाग़ में डालो रे, झुलन आई राधिका प्यारी रै।

डरो मत राधिका प्यारी रे, हमें तो तुम जान से प्यारी रै,
हिंडोला बाग़ में डालो रे, झुलन आई राधिका प्यारी रै। 

SAWAN MALHAR 2021-आई सावन की रुत लागे न्यारी-गायक संगीता शास्त्री-BRAJESH SHASTRI

Aai Saavan Ki Rut,
Laage Nyaari,
Jhula Jhulan Chalo,
Raadha Pyaari. 
घिर आई कारी बदरिया,
बरसे आधी रात,
बरसे आधी रात,
जमुना किनारे झूलो पड़ो,
झूले राधे श्याम,
झूलें राधे श्याम।

अपना तो ओढ़े कान्हाँ कारी कामरिया,
कारी कामरिया,
राधा जी ओढ़े चुनरिया, चुनरी गोटेदार,
चुनरी गोटेदार,
घिर आई कारी बदरियां,
बरसे आधी रात,
बरसे आधी रात,
जमुना किनारे झूलो पड़ो,
झूले राधे श्याम,
झूलें राधे श्याम।

राधा के नैनन में मोटो मोटो कजरा,
मोटो मोटो कजरा,
कान्हा की तिरछी नजरियां,
चित नैनन चुराय,
चित नैनन चुराय,
घिर आई कारी बदरिया,
बरसे आधी रात,
बरसे आधी रात,
जमुना किनारे झूलो पड़ो,
झूले राधे श्याम,
झूलें राधे श्याम।

कान्हाँ के सिर पे मोर मुकुट है,
मोर मुकुट है
राधा की लाल लाल बिंदिया,
चमके आधी रात,
चमके आधी रात,
घिर आई कारी बदरिया,
बरसे आधी रात,
बरसे आधी रात,
जमुना किनारे झूलो पड़ो,
झूले राधे श्याम,
झूलें राधे श्याम।

राधा के होठों पे लाल लाल लाली,
लाल लाल लाली
कान्हा के मुख पे मुरलिया,
बाजे आधी रात,
बाजे आधी रात,
घिर आई कारी बदरिया,
बरसे आधी रात,
बरसे आधी रात,
जमुना किनारे झूलो पड़ो,
झूले राधे श्याम,
झूलें राधे श्याम।

राधा के हाथों में हरी हरी चुरियाँ,
हरी हरी चुरियाँ
कान्हाँ के हाथों लकुटिया,
गैया लावै घेराय,
गैया लावै घेराय,
घिर आई कारी बदरिया,
बरसे आधी रात,
बरसे आधी रात,
जमुना किनारे झूलो पड़ो,
झूले राधे श्याम,
झूलें राधे श्याम।

कान्हा खड़ें हैं तिरछी अदा से,
तिरछी अदा से
राधा की बाजे पायलिया,
होवे महारास,
होवे महारास,
घिर आई कारी बदरिया,
बरसे आधी रात,
बरसे आधी रात,
जमुना किनारे झूलो पड़ो,
झूले राधे श्याम,
झूलें राधे श्याम।
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