गुरुकुल में पढ़ने जब आया साँवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा, साथी सहपाठी सब नाचने लगे, ऐसी प्यारी बाँसुरी बजाया साँवरा, गुरुकुल में पढ़ने जब आया सांवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा।
ज्ञानी को ज्ञान सिखा रहे हैं गुरुजन, जगत गुरु को पढ़ा रहे हैं गुरुजन, देख के सुदामा को मुस्काया साँवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया साँवरा।
मित्रता का पाठ देखो पढ़ रहा है साँवरा, सुदामा संग दोस्ती को गढ़ रहा है सांवरा, यारी अपनी पक्की कर आया साँवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया साँवरा।
ग्वाल बाल संग लीला करे खेल खेल में, जमुना किनारे पहुँचे कान्हाँ गेंद खेलने, कालीनाग वश कर आया साँवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया साँवरा।
गोपियों को छेड़ते हैं, फोड़ते हैं मटकी, माखन चुराने की आदत नटखट की, "रोमी" (लेखक/गायक) को भी मुरली पे नचाया साँवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया साँवरा।
गुरुकुल में पढ़ने जब आया साँवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा, साथी सहपाठी सब नाचने लगे, ऐसी प्यारी बाँसुरी बजाया साँवरा, गुरुकुल में पढ़ने जब आया सांवरा, बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा।