पंजाब सांग लिरिक्स मीनिंग गुरुदास मान मीनिंग

पंजाब सांग लिरिक्स मीनिंग गुरुदास मान लिरिक्स मीनिंग


Latest Bhajan Lyrics

गुरुदास मान साहब के इस गाने का हिंदी अर्थ निचे दिया गया है, आशा है आपको जरूर पसंद आएगा।

लिरिक्स/Lyrics
केड़ा केड़ा दुख: दसां मैं पंजाब दा,
फुल्ल मुरझायां पया है गुलाब दा
केड़ा केड़ा दुख: दसां में पंजाब दा,
फुल्ल मुरझाया पया है गुलाब दा।
सुक्ख गईयां जड़ा, मुरझाईयां टाणियां
छेत्ती की तां, मैंत्थों दसियां नहीं जाणियाँ ,

हर पासे नशे दी हनेरी, झुल्ल गई,
वड्डियां दलेरों नूँ दलेरी भुल्ल गई।
दस्स केड़ा नचुँगा खण्डे दी धार ते,
दस्स केड़ा नचुँगा खण्डे दी धार ते।
गबरु पंजाब दे, नशियाँ ने मार ते,
रंगले पंजाबी, नशियाँ ने मार ते,

कित्थे फिरे भूल्ली वड्ढिये पंजाबणे,
तेन्नू अज्ज आदै ने जवाकां सांबणें,
धुंए नाळ छाती दो दुद्ध साड़दा,
जमणे तो पैल्ला, आधा पुत्त मारतां,

जमदे नूं रोगों ने लिया है घेर जी,
केड़ा लाल माई दा, बनूँगा शेर जी ।

जहरां बीज बीज़ के, उगाईयां फसला
फसला दी जहर ने गवाईयां नसला।

ग़ऊआ मज्जां फुल्ल किती, ट्रैन जी,
गिगियां ते खिज्ज गईयाँ, दुद्ध देन जी,
कोई ना फर्क दुध ते शराब दा,
पाणी पीणा जोगा, भी नहीं रहिया आब दा,
चिटट्टे दा तूफान ऐबा, बाला हो गया,
रंगला पंजाब मेरा काळा हो गया।

गिणे चुणे रह गए, खिलाड़ी खेल दें,
ईजण जंजाळ दे पंजाळ मेल दे,
मुण्डिएं नूँ मार गईयां डाडे भुक्कियाँ,
धियाँ दे गमां दे विच मावा मुक्कियाँ,
बापूजी दे फुल्ल, छप्पड़ा ते तारते,
गबरू पंजाबी नाशियाँ ने मार ते।


केड़ा केड़ा दुख: दसां मैं पंजाब दा,
फुल्ल मुरझायां पया है गुलाब दा

केड़ा केड़ा दुख: दसां मैं पंजाब दा : मैं पंजाब के किस किस दुःख के बारे में बताऊँ ?, मैं पंजाब के किस किस दुःखको बताऊँ, कहूँ?
फुल्ल मुरझायां पया है गुलाब दा : पंजाब जो की एक गुलाब का फूल है मुरझा गया है।
केड़ा केड़ा : कौन कौन सा (यानी की बहुतेरे दुःख हैं )
दसां-बताऊँ, कहूं।
फुल्ल-फूल,
पैया-पड़ा है

सुक्ख गईयां जड़ा, मुरझाईयां टाणियां
छेत्ती की तां, मैंत्थों दसियां नहीं जाणियाँ।

सुक्ख गईयां जड़ा, मुरझाईयां टाणियां : पंजाब प्रान्त जो की गुलाब के फूल भी भांति सुन्दर है, इसकी जड़े सूख गई हैं। इसकी टहनियां मुरझा चुकी हैं।
छेत्ती की तां, मैंत्थों दसियां नहीं जाणियाँ : यदि तुम जल्दबाजी करते हो तो, मुझसे बताया नहीं जाएगा।
सुक्ख- सूख गई हैं। मुरसाईया मुरझा गई हैं ।
टानिया / ताणियाँ - टहनिया
छेती : जल्दी, जल्दबाजी,
तां : तो (यदि)
दसियाँ : बताना, समझाना।
कीती : की तो, (यदि तसल्ली के साथ सुनना हो तो सुनों, मुझसे जल्दी नहीं सुनाई जायेगी। )
हर पासे नशे दी हनेरी, झुल्ल गई,
वड्डियां दलेरों नूँ दलेरी भुल्ल गई।
दस्स केड़ा नचुँगा खण्डे दी धार ते,
दस्स केड़ा नचुँगा खण्डे दी धार ते।
गबरु पंजाब दे, नशियाँ ने मार ते,
रंगले पंजाबी, नशियाँ ने मार ते,

हर पासे नशे दी हनेरी, झुल्ल गई : हर तरफ़ नशे का अँधेरा छाया हुआ है।
वड्डियां दलेरों नूँ दलेरी भुल्ल गई : जो बड़े दिलेर थे, वे दिलेरी को भूल चुके हैं।
दस्स केड़ा नचुँगा खण्डे दी धार ते : बताओं ऐसा कौन है जो तलवार की धार पर नाचेगा।
गबरु पंजाब दे, नशियाँ ने मार ते : पंजाब के युवाओं को नशे ने मार दिया है।
रंगले पंजाबी, नशियाँ ने मार ते : रंग बिरंगे पंजाब को नशे ने समाप्त कर दिया है।
हर पासे - हर तरफ / चारों तरफ,
नशे दी- नशे की, नशे पत्ते की,
हनेरी- अन्धेरी/अधेरा / गफलत
झुल्ल गई-फैल गई, विस्तारित हो गई है।
वड्डियां दिलेरां: - बड़े दिलेर व्यक्ति,
नूँ- को
भुल्ल गई - विस्मृत हो गई है, भूल गए हैं।
दस्स-बताओ,
केड़ा-कौन,
नचूगा-नाचेगा
खण्डे - तलवार,
खण्डे दी धार ते- तलवार की धार पर
ते - पर, के ऊपर |
गुबरु युवा सुडौल, ताकतवर, अपान व्यक्ति
नशियाँ -नशे, नशा से,
पंजाबी : पाँच दरियाओं (पंज +आब ) के वाशी, पंजाबी।
मार ते- मार डाले हैं, बर्बाद कर दिए हैं।
कित्थे फिरे भूल्ली वड्ढिये पंजाबणे,
तेन्नू अज्ज आदै ने जवाकां सांबणें,
धुंए नाळ छाती दो दुद्ध सादड़ा,
जमणे तो पैल्ला, आधा पुत्त मारतां,
जमदे नूं रोगों ने लिया है घेर जी,
केड़ा लाल माई दा, बनूँगा शेर जी ।

कित्थे फिरे भूल्ली वड्ढिये पंजाबणे : तुम अपनी जान में बड़ी पंजाबण बन कर कहाँ घूम रही हो ? तुम किस वहम में हो ?
तेन्नू अज्ज आदै ने जवाकां सांबणें : तुमको आज छोटे बच्चे संभालने के लिए आते हैं (तुम खुद का ध्यान भी नहीं रख पा रही हो )
धुंए नाळ छाती दो दुद्ध सादड़ा : तुमने धूम्रपान करके अपनी छाती का दूध जला लिया है।
जमणे तो पैल्ला, आधा पुत्त मारतां : तुमने पुत्र को जन्म देने से पहले ही मार दिया है।
जमदे नूं रोगों ने लिया है घेर जी :
जन्म लेते ही शिशु को रोगों ने घेर लिया है।
केड़ा लाल माई दा, बनूँगा शेर जी : ऐसे में किस माँ का लाल शेर बन पायेगा ?
कित्थे फिरे- कहाँ घूम रही हो। कहाँ भटक रही हो ?
भूल्ली - ग़फ़लत में घूमना, मनमानी करना।
तेन्नु -तुमको, तुझको |
अज्ज-आज |
औन्दे-आते हैं।
जवाक - छोटे बच्चे,
साम्बणे - सम्भालने के लिए।
घुटु नाळ - घुऐं के कारण, घुएं से, माँ का स्तनपान दूध,
सादड़ा -जला दिया है, समाप्त कर दिया है।
ज़मने तों- जन्म लेने से।
पैल्ला- पहले ही।
आधा पुत्त मारता - आधा शिशु मार दिया है, शिशु को दूध का पोषण नहीं मिलता है।
जमदे नूं-नवजात, छोटा बच्चा,
नूं-को
रोगा ने-बिमारियों ने, रोग दोष ने |
लिया है घेर जी - घेर लिया है।
केड़ा -कौनसा,
लाल भाई दा- मां का लाल।
बनूँगा - बनेगा,
शेर जी -कौन शेर बनेगा।

जहरां बीज बीज़ के, उगाईयां फसला
फसला दी जहर ने गवाईयां नसला।

जहरां बीज बीज़ के, उगाईयां फसल : वर्तमान में कृषि में कृमिनाशक के रूप में अधिक पेस्टीसाइड का उपयोग होता है जो जहर के समान ही होता है। लोग जहर को बोकर फ़सल तैयार करते हैं।
फसला दी जहर ने गवाईयां नसला : फसलों के इस जहर ने आने वाली पीढ़ी को ही समाप्त कर दिया है।
जहरा-जहर यहां पेस्टीसाइड से आशय है।
बीज-बोकर।
उंगाईयां-उगाई है।
फ़सलाँ - फसल, खाद्यान्न।
गवाईयां - गंवा दिया है।
नसला-नस्ल, व्यक्ति का वंश, आने वाली पीढ़ी।

ग़ऊआ मज्जां फुल्ल किती, ट्रैन जी,
गिगियां ते खिज्ज गईयाँ, दुद्ध देन जी,
कोई ना फर्क दुध ते शराब दा,
पाणी पीणा जोगा, भी नहीं रहिया आब दा,
चिटट्टे दा तूफान एडा, बाला हो गया,
रंगला पंजाब मेरा काळा हो गया।


ग़ऊआ मज्जां फुल्ल किती, ट्रैन जी : गाय और भैसों को अधिक दूध देने के लिए टीके लगाए जा रहे हैं।
गिगियां ते खिज्ज गईयाँ, दुद्ध देन जी : इससे वे खूब दूध दे रही हैं।
कोई ना फर्क दुध ते शराब दा : वर्तमान में दूध और शराब में कोई फर्क नहीं रह गया है।
पाणी पीणा जोगा, भी नहीं रहिया आब दा : नदियों का पानी भी पीने योग्य नहीं रहा है।
चिटट्टे दा तूफान एडा, बाला हो गया : अफीम/स्मैक का नशा बहुत बड़ा हो गया है, फ़ैल गया है।
रंगला पंजाब मेरा काळा हो गया : मेरा रंग बिरंगा पंजाब काला हो गया है।
ग़ऊआ-गाएं।
मज्जा-भैंस,
फुल्ल किती, ट्रैन जी : गाय भैंस को ज़्यादा दूध देने के लिए सुई भरना।
आबदा - नदियों का पानी,
जोगा-लायक।
चिटट्टे-अफीम/स्मैक
गिणे चुणे रह गए ने खिलाड़ी खेल दे,
इंजन जंजाळ जे, पंजाब मेल दे।
मुंडियां नूं मार गइयां डोडे भुक्कियाँ,
धियाँ च गमा दे विच, मावां मुक्कियाँ,
बापूजी दे फुल्ल छप्पड़ा च तार ते,
गबरु पंजाब दे नशियाँ ने मार ते,
रंगले पंजाब नशियाँ ने मार ते।

गिणे चुणे रह गए ने खिलाड़ी खेल दे : पंजाब में अब पहले जैसे खिलाड़ी गिने चुने ही रह गए हैं।
इंजन जंजाळ जे, पंजाब मेल दे : जो पंजाब मेल का इंजन थे वे आज खराब हो गए हैं।
मुंडियां नूं मार गइयां डोडे भुक्कियाँ : लड़कों को डोडे (डोडा पोश्त ) और भुक्खियाँ (स्मैक) का नशा मार गया है।
धियाँ च गमा दे विच, मावां मुक्कियाँ : लड़कियों की चिंता में माताएं बैठी जा रही हैं, मर रही हैं।
बापूजी दे फुल्ल छप्पड़ा च तार ते : बापू के फूलों (अस्थि फूल) का भी कोई ध्यान नहीं रखता है।
गबरु पंजाब दे नशियाँ ने मार ते : पंजाब के गबरुओं को, नौजवानों को नशे ने मार डाला है।
रंगले पंजाब नशियाँ ने मार ते : रंग बिरंगे पंजाब को नशे ने समाप्त कर दिया है। 
लौकी अज्ज भुल्ल गए सलीका प्यार दा,
चल पइया कम्म यारों लुट्ट मार दा,
भूले सत्कार बाबियाँ दी वाणी दा,
गीतां दे शोल्का विचली कहाणी दा,
लग पये शहीदा दी, उड़ाण खिल्ली जी,
किदा किदा बदलू, इतिहास दिल्ली जी।

लौकी अज्ज भुल्ल गए सलीका प्यार दा : लोग आज प्यार का सलीका/व्यवहार भूल गए हैं।
चल पइया कम्म यारों लुट्ट मार दा : चारों तरफ लूट मार का कान चल पड़ा है।
भूले सत्कार बाबियाँ दी वाणी दा : संत महात्माओं की वाणी का ज्ञान और सत्कार लोग भूल गए हैं।
गीतां दे शोल्का विचली कहाणी दा : लोग भगवत गीता के श्लोक का ज्ञान और प्रदत्त कहानी को भूल गए हैं।
लग पये शहीदा दी, उड़ाण खिल्ली जी : लोग शहीदों की कहानी का भी मजाक बनाने लग गए हैं।
किदा किदा बदलू, इतिहास दिल्ली जी : देखते हैं की "दिल्ली" किस किस का इतिहास बदलेगी। वर्तमान में राजनेता स्वंय की सुविधा के अनुसार शहीदों की शहादत का उपयोग करने लग गए हैं।

हो रब्बा मेरिया, होय, साइयाँ मेरियाँ,
नालजजियां दी लाज तुनी,
नाओटियाँ दी ओट तुनी,
नामाणियां दा मान तुनी, नातारिण्या दा तान,
तेरे बिना रखी ना किसे ते आस जी,
सुण ले तू बिनती गुरां दे दास दी,
सुण ले तू बिनती गुरां दे दास दी।
हो रब्बा मेरिया, होय, साइयाँ मेरियाँ : मेरे ईश्वर, मेरे साईं/करतार।
नालजजियां दी लाज तुनी : जो बेशर्म हैं तुम उनकी शर्म हो।
नाओटियाँ दी ओट तुनी : जिनको कोई सहारा नहीं है तुम उनके सहारे हो।
नामाणियां दा मान तुनी, नातारिण्या दा तान : जिनका कोई सम्मान नहीं है, तुम उनके मान हो।
तेरे बिना रखी ना किसे ते आस जी : आपके सिवाय हमने किसी से कोई आशा नहीं रखी है।
सुण ले तू बिनती गुरां दे दास दी : तुम गुरुओं के दास की विनती को सुन लो। 
 
 
Gurdas Maan : Punjab Song | Jatinder Shah | Gurickk G Maan | New Punjabi Song | Saga Music
Keda Keda Dukh: Dasaan Main Panjaab Da,
Phull Murajhaayaan Paya Hai Gulaab Da
Keda Keda Dukh: Dasaan Mein Panjaab Da,
Phull Murajhaaya Paya Hai Gulaab Da.
Sukkh Gaiyaan Jada, Murajhaiyaan Taaniyaan
Chhetti Ki Taan,  Maintthon Dasiyaan Nahin Jaaniyaan , 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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