हारे का है साथी खाटू का बाबा श्याम लिरिक्स Haare Ka Hai Sathi Khatu Lyrics
श्याम, श्याम खाटू वाले श्याम,श्याम, नीले घोड़े वाले श्याम,
गाँव गली और शहर में,
चर्चा है सरेआम,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम।
है १९१० की घटना,
रहते थे माँ बेटे पटना,
माँ थी बाबा श्याम पुजारन,
करती थी नित पूजा अर्चन,
बेटे की थी बाल अवस्था,
दिखलाया मंदिर का रस्ता,
संग अपने मंदिर ले जाती,
श्याम धणी की कथा सुनाती,
बेटा हो गया श्याम दीवाना,
आया लबों पे श्याम तराना,
श्याम की कृपा लगी बरसने,
लगी जिंदगी मजे से कटने,
मैया उस पर प्यार लुटाती,
मुखड़े पर बलिहारी जाती,
लाड प्यार से बेटा बिगड़ा,
गलत रस्ता उसने पकड़ा,
यारों के संग जुआ खेले,
रोजाना सुबह श्याम,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम।
यारों के रंग रंग गया बेटा,
हुआ मुक्क्दर माँ का हेंटा,
बेटे को समझा के हारी,
बेटा बन गया बड़ा जुआरी,
बेच दिए माँ के सब गहने,
दुःख मैया को पड गए सहने,
यारों के संग मौज उड़ाता,
रोज रात को घर ना आता,
खेल रहा जब एक दिन जुआ,
तभी पुलिस का आना हुआ,
पुलिस पकड़ कर ले गई थाना,
किया जेल को तुरंत रवाना,
जेल से कैसे होगी रिहाई,
खबर को सुन कर माँ घबराई,
पास नहीं है मेरे पैसा,
श्याम धणी मेरी करो सहाई,
श्याम धणी के आगे रोती,
ले बाबा का नाम,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम।
श्याम धणी ने कृपा लुटाई,
टूटे दिल में आस जगाई,
जब अंबर में नजर उठाई,
लीला घोडा पड़ा दिखाई,
माँ ने सोचा है कोई सपना,
तभी गिरा कुछ उसके अंगना,
माँ ने खोली आँख दुबारा,
चकित रह गई देख नज़ारा,
भरा नोट से पर्स खचाखच,
माँ को आया नज़र यकायक,
देर लगी ना उसको समझते,
श्याम ने भेजे गगन के रस्ते,
पर्स उठा सीने से लगाया,
बाबा का आभार जताया,
बोली जय हो लखदातारी,
बिगड़ी मेरी बात संवारी,
घर से बाहर जाए बिना ही,
कर डाला इन्तजाम,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम।
फिर ना उसने देर लगाईं,
भर जुर्माना बेल कराई,
जेल से बाहर बेटा आया,
झट से माँ ने गले लगाया,
बेटा बोले तू क्यों आई,
मेरी जमानत क्यों करवाई,
जम कर मैया को फटकारा,
मुझे ना चाहिए प्यार तुम्हारा,
नहीं रहना मुझे संग में तेरे,
डालूंगा किसी देश में डेरे,
छोड़ चला माँ को बेदर्दी,
टूट गई माँ की हमदर्दी,
नहीं देखा बेटे ने मुड़कर,
मैया रोवे याद में कुढ़कर,
सूज गए रो रो कर नैना,
बिन बेटा के सबर बंधे ना,
बेटे की यादों में माँ का,
जीना हुआ हराम,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम।
करे श्याम से मैयां विनती,
माफ़ करो प्रभु मेरी गलती,
अब ना और सजा दो मुझको,
बेटे से मिलवा दो मुझको,
बिन बेटा के जी ना पाऊं,
पटक पटक सर मैं मर जाऊं,
श्याम धणी अब तेरी दुहाई,
शीघ्र कीजिए मेरी सुनवाई,
बेटा पहुँचा चंडीगढ़ में,
करि नौकरी पंडित घर में,
पंडित भी था बाबा प्रेमी,
भजन पाठ का पक्का नेमि,
हर ग्यारस पर खाटू जाता,
बेटे को भी संग ले जाता,
दर्शन करके बेटा बदला,
भूल गया वो जीवन पिछला,
आने लगा दुबारा उसको याद पैतृक गाँव,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम।
ग्यारस आई फाल्गुन वाली,
माँ दर्शन को खाटू चाली,
निशान उठाया श्याम धणी का,
ध्यान लगाया श्याम धणी का,
धोक लगा कर शीश उठाया,
अपने सन्मुख बेटा पाया,
मुँहमाँगी उसे मन्नत मिल गई,
ख़ुशी से उसकी बाँहे खिल गई,
बोली जय हो शीश के दानी,
खूब दिखाई कारस्तानी,
तेरी अजब अनोखी माया,
माँ बेटे का मिलन कराया,
यूँही कृपा बनाए रखना,
चरणों से लिपटाए रखना,
आती रहूँ मैं द्वार तुम्हारे,
करते रहना वारे न्यारे,
कहे अनाड़ी (राज अनाड़ी -लेखक) नाम श्याम का,
बिगड़े बनाये काम,
हारे का है साथी,
खाटू का बाबा श्याम।
श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन