मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जाएं, समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाएं, मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जायें।
मेरी औकात क्या है जो आप से कुछ भी कह पाऊँ, ये साँसे आपकी दी हैं बता कैसे मैं झूठलाऊँ, हो अंतिम सांस जो मेरी तेरे ही नाम हो जाए, समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये, मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जायें।
दयालु है तू सावरिया जाने दुनिया ये सारी, वक़्त ना पास है मेरे हमें दिल की बीमारी है, किये एहसान इतने हैं बता कैसे भुला पाएं, समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये, मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जायें।
कोई क्या तुमको देदेगा स्वयं भिक्षुक बने कान्हाँ, दिया है दान पल भर में नहीं सोचा नहीं जाना, स्वयं भगवन जब दर पे खड़े हो हाथ फैलाए, समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये,
मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जायें।
धरूँ धीरज मैं कैसे अब समझ में कुछ नहीं आता, मैं लूँ कितने जनम फिर भी क़र्ज़ ना ये उतार पाए, हुए जो भी गुनाह मुझसे अगर वो माफ़ हो जाए, समय हो आखिरी मेरा सामने श्याम आ जाये, मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जायें।
Saanson Ka Karz | Shyam Bhajan | मेरी साँसें किसी तरह तुम्हारे काम आ जाएँ | by Anamika Sharma
Meri Saansen Kisi Tarah Tumhaare Kaam Aa Jaen, Samay Ho Aakhiri Mera Saamane Shyaam Aa Jaen, Meri Saansen Kisi Tarah Tumhaare Kaam Aa Jaayen.
Meri Aukaat Kya Hai Jo Aap Se Kuchh Bhi Kah Paun, Ye Saanse Aapaki Di Hain Bata Kaise Main Jhuthalaun, Ho Antim Saans Jo Meri Tere Hi Naam Ho Jae, Samay Ho Aakhiri Mera Saamane Shyaam Aa Jaaye, Meri Saansen Kisi Tarah Tumhaare Kaam Aa Jaayen.