मिल जायेंगें श्याम भजले राधे राधे, बन जायेंगें काम भजले राधे राधे, क्या जाना मथुरा गोकुल चल बरसाने धाम, मिल जायेंगें श्याम भजले राधे राधे।
छोड़ दे मोह माया तर ले अपनी काया,
सबने सबकुछ छोड़ा अंत समय जब आया, शुभ होगा परिणाम भजले राधे राधे, मिल जायेंगें श्याम भजले राधे राधे।
स्वयं भर ले शक्ती करले वंदन भक्ती, जीवन में सब पापों से मिल जायेगी मुक्ती, सुबह हो या शाम भजले राधे राधे, मिल जायेंगें श्याम भजले राधे राधे।
राधा और श्याम का प्रेम शुद्ध, दिव्य और अलौकिक है। राधा केवल कृष्ण की प्रिय नहीं बल्कि उनकी आत्मा की अनन्य संगिनी थीं। उनकी भक्ति और प्रेम अध्यात्मिकता का सर्वोच्च उदाहरण है। जहां प्रेम स्वार्थ से परे और समर्पण से परिपूर्ण होता है। राधा कृष्ण की भक्ति में लीन होकर आध्यात्मिक आनंद और शांति प्राप्त करते हैं। श्रीकृष्ण की लीलाएं और राधा का प्रेम हमें प्रेम, भक्ति और त्याग की सच्ची भावना सिखाते हैं। राधेश्याम का नाम जपने से मन को शुद्धता, प्रेम और भक्ति की शक्ति प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति आती है। जय राधेश्याम।
Mil Jayenge Shyam Bhajle Radhe Radhe
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