सोवत जागत रटूं निरन्तर राधा

सोवत जागत रटूं निरन्तर राधा राधा गाऊँ भजन

सोवत जागत रटूं निरन्तर राधा राधा गाऊँ
अहो लड़ैती इतनी मोपै, कृपा करौ बलि जाऊँ।
सोवत जागत रटौं निरन्तर राधा-राधा गाऊँ।।
जान परै नहि साँझ सबेरौ, ऐसे जनम गवाऊँ।
जब लौं नाम साँस तब ही लौं, एक मेक हौं जाऊँ।।
सोवत जागत रटूं निरन्तर राधा राधा गाऊँ
अहो लड़ैती इतनी मोपै, कृपा करौ बलि जाऊँ।
सोवत जागत रटौं निरन्तर राधा-राधा गाऊँ।।
जान परै नहि साँझ सबेरौ, ऐसे जनम गवाऊँ।
जब लौं नाम साँस तब ही लौं, एक मेक हौं जाऊँ।।
सोवत जागत रटूं निरन्तर राधा राधा गाऊँ
अहो लड़ैती इतनी मोपै, कृपा करौ बलि जाऊँ।
सोवत जागत रटौं निरन्तर राधा-राधा गाऊँ।।
जान परै नहि साँझ सबेरौ, ऐसे जनम गवाऊँ।
जब लौं नाम साँस तब ही लौं, एक मेक हौं जाऊँ।।
 

भोरी सखी पद | सोवत जागत रटूं निरन्तर राधा राधा गाऊँ | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

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