तेरी अनजानी राहों पर भजन

तेरी अनजानी राहों पर भजन

तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था,
थी मुझ में हिचक फिर भी,
तूने गले लगाया था,
तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था।

ना मुझमे थी वो आस्था,
ना विश्वास जोरों पे था,
ना वैसा था दीवानापन,
जैसा देखा की औरों में था,
हाँ नैनों ने दर्शन कर,
एक दरियाँ बहाया था,
थी मुझ में हिचक फिर भी,
तूने गले लगाया था,
तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था।

उस दिन से मेरे बाबा,
दिन पल पल बदलने लगे,
मेरी मुरझाई बगिया में फूल,
ख़ुशियों के खिलने लगे,
तेरी किरपा के मेघो ने,
सावन बरसाया था,
थी मुझ में हिचक फिर भी,
तूने गले लगाया था,
तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था।

तेरे नैनों की भाषा को,
जो प्रेमी समझ गया,
उसके जीवन का उलझा हर,
धागा सुलझ गया,
तू सचमुच ही वैसा है,
जैसा सबने बताया था,
थी मुझ में हिचक फिर भी,
तूने गले लगाया था,
तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था।

तू हारे का साथी है,
ये सबको बताता हूँ,
मैं ललित भजन गाकर,
तेरी महिमा सुनाता हूँ,
अब चलूँ मैं उसी रास्ते,
जो तूने दिखाया था,
थी मुझ में हिचक फिर भी,
तूने गले लगाया था,
तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था।

तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था,
थी मुझ में हिचक फिर भी,
तूने गले लगाया था,
तेरी अनजानी राहों पर,
एक दिन जब मैं आया था।
श्रेणी : कृष्ण भजन 

तेरी अंजनी राहो पर, एक दिन जब मैं आया था - Soulful Khatu Shyam Bhajan - Lalit Suri

Teri Anajaani Raahon Par,
Ek Din Jab Main Aaya Tha,
Thi Mujh Mein Hichak Phir Bhi,
Tune Gale Lagaaya Tha,
Teri Anajaani Raahon Par,
Ek Din Jab Main Aaya Tha. 
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