तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान

तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में भजन

तीन बाण लेकर आया कुरुक्षेत्र मैदान में,
तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में।

युद्ध में जाने की तुमने माँ से इच्छा जताई थी,
माँ ने हुक्म दे दिया लेकिन तुमसे शर्त लगाईं थी,
साथ उसी का दोगे तुम जो हार रहा मैदान में,
तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में।

युद्ध भूमि में जब पहुंचे श्री कृष्ण से मिल गए तुम,
बोले प्रभु तीन बाण से युद्ध कैसे जीतोगे तुम,
पीपल पत्ते बींद दिए तुमने सब एक ही बाण में,
तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में।

किसी महान योद्धा का शीश चाहिए दान यहाँ,
तुममें मुझमे अर्जुन में से कौन करे ये काम यहाँ,
तुमने शीश कटाया आखिर श्री कृष्ण सम्मान में,
तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में।

शीश कटाकर बोले तुम देखूंगा मैं युद्ध सारा,
शीश को रख कर पर्वत पर दिखा दिया मंज़र सारा,
बोले कृष्णा श्याम नाम से पूजेगा जहांन में,
तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में।

हारे का सहारा तू बाबा श्याम हमारा तू,
भारत पर भी कर किरपा कर दे वारा न्यारा तू,
बहुत ही प्यारा मंदिर तेरा खाटू राजस्थान में,
तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में,
तीन बाण लेकर आया कुरुक्षेत्र मैदान में,
तुमसा दानी ना देखा शीश दे दिया दान में,

तुमसा दानी ना देखा | Tumsa Daani Na Dekha | खाटू श्याम भजन | by Bharat Tiwari | Audio

Tin Baan Lekar Aaya Kurukshetr Maidaan Mein,
Tumasa Daani Na Dekha Shish De Diya Daan Mein.

Yuddh Mein Jaane Ki Tumane Maan Se Ichchha Jatai Thi,
Maan Ne Hukm De Diya Lekin Tumase Shart Lagain Thi,
Saath Usi Ka Doge Tum Jo Haar Raha Maidaan Mein,
Tumasa Daani Na Dekha Shish De Diya Daan Mein. 
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