बाजरे दा सिट्टा/Bajare Da Sitta एक पंजाबी लोकगीत है जिसे अब दुबारा से गाया गया है। पस्तुत गाना बाजरे दा सिट्टा का रीमिक्स सांग है। कई लोगों का मानना है, दृढ यकीन है की रीमिक्स गाने ओरिजिनल सांग से बेहतर नहीं होते हैं, यह बात सही भी है। लेकिन वर्तमान में कुछ लोग पुराने गानों को नए रूप में सुनना पसंद करते हैं।
'बाजरे दा सिट्टा' (Bajre Da Sitta) सांग इंस्टाग्राम अकाउंट हो या फिर टिकटॉक या व्हाट्सप्प सभी पर छाया ही रहता है। इसे लोग बैकग्राउंड में लगाना पसंद करते हैं।
इस गाने को (बाजरे दा सिट्टा/Bajare Da Sitta) रशमीत कौर (Rashmeet Kaur), दीप कलसी (Deep Kalsi) ने गाया है जो की बहुत ही लोकप्रिय हुआ है। यह गाना एक तरह से वायरल सांग है जिसके बोल हैं -बाजरे दा सिट्टा, बाजरे दा सिट्टा वे अस्सां तल्ली ते मरोड़िया, रूठड़ा जांदा माहिया, रूठड़ा जांदा माहिया वे अस्सां गली विच्चों मोड़िया, बाजरे दा सिट्टा।
जानिये "बाजरे दा सिट्टा सांग" का हिंदी मीनिंग। चूँकि यह गीत पंजाबी भाषा में है जिसमें कई शब्द समझ से परे हैं। तो आज आप जानेंगे 'बाजरे दा सिट्टा' (Bajre Da Sitta) सांग का कम्पलीट हिंदी अर्थ/मतलब स्टेंज़ा बाय स्टेंज़ा।
बाजरे दा सिट्टा सांग का ऑरिजनल वर्जन किसने गाया? बाजरे दा सिट्टा (पंजाबी फोक सांग ) को सबसे पहले सुरिंदर और प्रकाश कौर (Surinder And Parkash Kaur) ने अपना स्वर दिया था/ गाया था। सुरिंदर और प्रकाश को पंजाबी फोल्क की फर्स्ट लेडीज (First Ladies Of Punjabi Folk) के नाम से जाना जाता है तथा इसके बाद इसे कुछ साल पहले सिंगर नेहा भसीन ने अपने अंदाज में पेश किया था जिसका लिंक निचे दिया गया है। बाजरे दा सिट्टा :
बाजरे दा सिट्टा लिरिक्स Bajare Da Sitta Lyrics (Hindi)
बाजरे दा सिट्टा, बाजरे दा सिट्टा, वे अस्सां तल्ली ते मरोड़ियां, रूठड़ा जाँदा माहिया, रूठड़ा जाँदा माहिया, वे अस्सां गली विच्चों मोड़िया, बाजरे दा सिट्टा,
वे गली विच खड़े वीर मेरे, एद्दा गेड़ा ना तू कट्टी, ना तू यार लैके आयी वे, वेखणा तां तैन्नु मैं वी चाह्न्नि सी, वे होजे कोई ना पंगा, तां ही सीगी घबराई वे, यार लेके आई वे, सीगी घबराई वे,
जींद मेरी तेरी ही ते माहिया वे, सारा समां तेरे लइ बटोरिया, बाजरे दा सिट्टा, बाजरे दा सिट्टा, वे अस्सां तल्ली ते मरोड़ियां, रूठड़ा जाँदा माहिया, रूठड़ा जाँदा माहिया, वे अस्सां गली विच्चों मोड़िया, बाजरे दा सिट्टा,
वे कमसिन कली, मैं आया तेरी गली, डिग्गी में गंडासा एंड बैग फुल मनी, निगाहें तुझपे गड़ी, काली गाडी निचे खड़ी, मैं तुझे लेके गायब, आ चुकी है वो घड़ी, डोंट वरी !
देख लूंगा किन्ने तेरे वीर हैं, सीधा जम्मू चलेंगे, अपने वहां पीर हैं, तेरा यार बड़ी टेढ़ी खीर है, भुला मत कर दिल्ली वाले, रांझे की तू हीर है,
गिन गिन हर दिन, ऐश करेंगे, जिंदगी के सारे मजे साथ कैश करेंगे, ए यू, तू जान है, जान से भी प्यारी पुरे साल, तेरा बर्थडे विश करेंगे, बाजरे दा सिट्टा, बाजरे दा सिट्टा,
Punjabi Folk Songs Lyrics in Hindi
वे अस्सां तल्ली ते मरोड़ियां, रूठड़ा जाँदा माहिया, रूठड़ा जाँदा माहिया, वे अस्सां गली विच्चों मोड़िया, बाजरे दा सिट्टा,
बाजरे दा सिट्टा सांग
बाजरे दा सिट्टा Bajre Da Sitta/Bajare Da Sitta: बाजरे का सिट्टा (जैसे गेहूं की बाली होती है जिस पर गेहूं के दाने लगते हैं वैसे ही बाजरे के सिट्टे में बाजरे के दाने लगते हैं। बाजरा राजस्थान और हरियाणा में प्रधानता से उगाया जाता है और गेहूं के समान ही इसके आटे की रोटियां बनाई जाती हैं ). वे अस्सां तल्ली ते मरोड़ियां : बाजरे के सिट्टे को मैंने हथेली में लेकर मरोड़ दिया है। बाजरे के सिट्टे को अंगारों में सेक कर उसे हथेली से मरोड़ने पर उसके दाने अलग हो जाते हैं जिन्हे खाया जाता है। यह एक तरह से बाजरे को भुनना है। यहाँ पर बाजरे का सिट्टा का उपयोग तुकबंदी के लिए हुआ है। सिट्टा : बाजरे की बड़ी फली। अस्सां -हमने/मैंने। तल्ली -हथेली मरोडिया-मरोड़ा, बाजरे को मोरना। रूठड़ा जाँदा माहिया : मेरा माहीं तो मुझसे रूठ कर जा रहा है। वे अस्सां गली विच्चों मोड़िया : रूठकर जाते हुए माहि को मैंने गली से वापस मौड़ा है। विच्चों- के अंदर से (गली के अंदर से) माहिया-प्रेमी, प्रिय।
वे गली विच खड़े वीर मेरे : गली में मेरे भाई खड़े हैं। वीर-भाई। एद्दा गेड़ा ना तू कट्टी : तुम ऐसे गली के चक्कर मत लगाओ। गेड़ा लगाना-घूम घूम कर एक ही स्थान पर आना, मंडराना। कट्टी -काटना, चक्कर काटना। एद्दा - इस तरह से, इस भाँती से। ना तू यार लैके आयी वे : तू अपने दोस्तों को अपने साथ मत लेकर आना। वेखणा तां तैन्नु मैं वी चाह्न्नि सी : मैं भी तुमको देखना चाहती थी। वेखना-देखना, तां -तो (देखना तो ), तेन्नु -तुमको, मैं वी-मैं भी, चाहनी -चाहती, सी-थी, पंजाबी भाषा में "था" "थी" थे" के लिए "सी" का उपयोग किया जाता है जो पास्ट की घटनाओं के लिए उपयोग में होता है। वे होजे कोई ना पंगा : देखो कोई झंझट/लड़ाई झगड़ा ना हो जाए। तां ही सीगी घबराई वे : तभी तो मैं घबरा गई थी। तां ही - तभी तो। सीगी - हुई थी घबराई वे -घबराई /घबरा गई थी। यार लेके आई वे, सीगी घबराई वे : तुम अपने यारों को साथ लेकर आए इसलिए ही मैं घबरा गई थी। जींद मेरी तेरी ही ते माहिया वे : मेरा जीवन तेरा है है। जींद-जिंदगी, माहिया - प्रिय सारा समां तेरे लइ बटोरिया : मैंने सारा समय तेरे लिए ही तो बटोरा है, इकठ्ठा किया है। यार बेली नाळ सी बथेरे : मेरे साथ मेरे खूब सारे दोस्त हैं। बथेरे-बहुत, अनगिनत। तां वी छड्ड, सारियां नूं : तो भी मैं सभी को छोड़। तां वी -तो भी। छड्ड- छोड़ कर, सारियां नूं -सभी को। मैं तां तेरी गली आया वे : मैं तो तेरी गली मैं आया हूँ। वेखना दा चाह सीगा तोड़िया वे : मेरा तुमको देखने का चाह था लेकिन तुमने बड़ा ही तड़पाया, क्योंकि तुमने गली के बीच से ही वापस भेज दिया। ओ इश्क़ दी पीड़ बड़ी लग्गी : इश्क़ का दर्द बहुत बुला लगा है। पीड़ -पीड़ा, दर्द, कातों सोणिया नी, मुख साथों मोड़िया : तुमने मुझसे मुंह क्यों मोड़ लिया ? कातों-किस कारण से, साथों-मुझसे/हमसे, मोड़िया-मुंह मोड़ लेना।
Bajre Da Sitta | Rashmeet Kaur x Deep Kalsi x Ikka | Atul Khatri | Hit Song
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