हरषे हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Harashe Hindi Meaning Rajasthani Dictionary
हर्ष करना, आनंदित होना को राजस्थनी भाषा में हरषे या हरखे बोला जाता है। इसे वाक्य में आधार पर हरषियो, हरष्यो, हरख्यो, हरषायो बोला जाता है। यह शब्द हिंदी के "हर्ष" का ही अपभ्रंश है।
हरषे/हरखे/हरषायो joy : a feeling of great pleasure and happiness.
हरषे/हरखे/हरषायो delight : please (someone) greatly.
हरषे/हरखे/हरषायो delectation : pleasure and delight.
हरषे/हरखे/हरषायो happiness : the state of being happy.
हर्षे/हरखे/हरषायो खुशी : बहुत खुशी और खुशी की अनुभूति।
हर्षे/हरखे/हरषायो : प्रसन्न: ।
हर्षे/हरखे/हरषायो : आनंद और प्रसन्नता।
हर्षे/हरखे/हरषायो : खुशी : सुखी होने की अवस्था।
हरषे/हरखे/हरषायो delight : please (someone) greatly.
हरषे/हरखे/हरषायो delectation : pleasure and delight.
हरषे/हरखे/हरषायो happiness : the state of being happy.
हर्षे/हरखे/हरषायो खुशी : बहुत खुशी और खुशी की अनुभूति।
हर्षे/हरखे/हरषायो : प्रसन्न: ।
हर्षे/हरखे/हरषायो : आनंद और प्रसन्नता।
हर्षे/हरखे/हरषायो : खुशी : सुखी होने की अवस्था।
हर्ष : संयोग शृंगार का एक स्थायी भाव।
हर्ष : संयोग शृंगार का एक स्थायी भाव।
हर्ष : ख़ुशी · आनंद-दायक · आह्लादक · आनन्द · आनंददायक
हर्ष : ख़ुशी · आनंद-दायक · आह्लादक · आनन्द · आनंददायक
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हरषे राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
दादी जी झूलो तो घलायो,
दादी जी झूलो तो घलायो,
थे झूलो री, थे झूलो री,
थे झूलो री म्हारी मायड़,
तो मन हरषे,
थे आवो री म्हारी दादी,
तो मन हरषे,
देख देख मैया को,
कन्हैया मारे किलकारी,
सांवरी सुरतिया पे,
मन हरषे है,
विहसि विहसि मैया,
गोद में खिलावे,
लल्ला लल्ला कहके दुलारती,
पालने में खेलें मेरो,
छोटो सो कन्हैया।
हरषे हेतु हेरि हर ही को।
किय भूषन तिय भूषन ती को॥
नाम प्रभाउ जान सिव नीको।
कालकूट फलु दीन्ह अमी को॥
हरषे मुनि सब सुनि बर बानी।
दीन्हि असीस सबहिं सुखु मानी॥
पुनि मुनिबृंद समेत कृपाला।
देखन चले धनुषमख साला॥
आवत हिय हरषै नहीं,
नैनन नहीं सनेह।
‘तुलसी’ तहाँ न जाइए,
कंचन बरसे मेह॥
भक्ता रो मन हरषे जी,
टाबरिया थारा आज खड़्या है,
टाबरिया थारा आज खड़्या है,
नाचण ने तैयार, दादी नाचण दें,
हरषे देखि संभु चतुरानन॥
जय जय धुनि पूरी ब्रह्मंडा।
जय रघुबीर प्रबल भुजदंडाI
हरषे जनकु देखि दोउ भाई।
मुनि पद कमल गहे तब जाई॥
हरषे जनु निज निधि पहिचाने।
थके नयन रघुपति छवि देखें।
पलकन्हिहूँ परिहरी निमेषे।
अधिक सनेह देह भइ भोरी।
सरद ससिहिं जनु चितव चकोरी।
दादी जी झूलो तो घलायो,
थे झूलो री, थे झूलो री,
थे झूलो री म्हारी मायड़,
तो मन हरषे,
थे आवो री म्हारी दादी,
तो मन हरषे,
देख देख मैया को,
कन्हैया मारे किलकारी,
सांवरी सुरतिया पे,
मन हरषे है,
विहसि विहसि मैया,
गोद में खिलावे,
लल्ला लल्ला कहके दुलारती,
पालने में खेलें मेरो,
छोटो सो कन्हैया।
हरषे हेतु हेरि हर ही को।
किय भूषन तिय भूषन ती को॥
नाम प्रभाउ जान सिव नीको।
कालकूट फलु दीन्ह अमी को॥
हरषे मुनि सब सुनि बर बानी।
दीन्हि असीस सबहिं सुखु मानी॥
पुनि मुनिबृंद समेत कृपाला।
देखन चले धनुषमख साला॥
आवत हिय हरषै नहीं,
नैनन नहीं सनेह।
‘तुलसी’ तहाँ न जाइए,
कंचन बरसे मेह॥
भक्ता रो मन हरषे जी,
टाबरिया थारा आज खड़्या है,
टाबरिया थारा आज खड़्या है,
नाचण ने तैयार, दादी नाचण दें,
हरषे देखि संभु चतुरानन॥
जय जय धुनि पूरी ब्रह्मंडा।
जय रघुबीर प्रबल भुजदंडाI
हरषे जनकु देखि दोउ भाई।
मुनि पद कमल गहे तब जाई॥
हरषे जनु निज निधि पहिचाने।
थके नयन रघुपति छवि देखें।
पलकन्हिहूँ परिहरी निमेषे।
अधिक सनेह देह भइ भोरी।
सरद ससिहिं जनु चितव चकोरी।
मैया थारो रूप मन भायो,
जियो हरषायो,
कुण म्हारी मैया ने सजायो,
बनड़ी सी लागे म्हारी माँ,
सोणी सोणी लागे म्हारी माँ।
देख जगह को श्याम की दिल हरषायो है
जियो हरषायो,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनड़ो सो लागे लागे म्हारो श्याम
जियो हरषायो,
कुण म्हारी मैया ने सजायो,
बनड़ी सी लागे म्हारी माँ,
सोणी सोणी लागे म्हारी माँ।
देख जगह को श्याम की दिल हरषायो है
जियो हरषायो,
कुण म्हारे श्याम ने सजायो,
बनड़ो सो लागे लागे म्हारो श्याम
अतः
इस प्रकार से आपने जाना की "हरषे " एक राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसका
वाक्य में प्रयोग के आधार पर विविध प्रकार से बोला जाता है। "हरषे " शब्द के
हिंदी भाषा में समानार्थी शब्द (अर्थ/मीनिंग) आनंद, हर्ष, प्रसन्नता, सुख, मज़ा, आनंदोल्लास, आमोद आदि होते
हैं। " हरषे " को अंग्रेजी में joy, gladness, delight, delectation, harsh, cheerfulness, cheeriness, exhilaration, jocosity, rejoicing कहते हैं। कागला से सबंधित
अन्य जानकारियां निचे दी गई हैं।