जब से मन में मैने बसाई माँ रानी की तस्वीर

जब से मन में मैने बसाई माँ रानी की तस्वीर

(मुखड़ा)
जय जय माँ,
जब से मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर,
तब से बदल गए दिन,
चमक गई तकदीर,
चमक गई तकदीर,
जब से मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।

(अंतरा 1)
मैया से बांधी है मैंने प्रीत की डोरी,
अपनी ही साँसे मैंने माँ से है जोड़ी,
अपनी ही साँसे मैंने माँ से है जोड़ी,
जब से माँ की महिमा गाई,
आँख से बरसे ना नीर,
आँख से बरसे ना नीर,
जब से मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।

(अंतरा 2)
मैया जी की भक्ति का ओढ़ा दुशाला,
जीवन के पन्ने पर नाम लिख डाला,
हर पन्ने पर नाम लिख डाला,
जब से मैंने लगन लगाई,
मिट गई मन की पीर,
मिट गई मन की पीर,
जब से मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।

(अंतरा 3)
मैया जी का रंग ऐसा छाया,
लागे जग झूठा, झूठी ये माया,
जब से 'कीर्ति' शरण में आई,
टूटी सब जंजीर,
टूटी सब जंजीर,
जब से मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।

(पुनरावृत्ति - मुखड़ा)
जय जय माँ,
जब से मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर,
तब से बदल गए दिन,
चमक गई तकदीर,
चमक गई तकदीर,
जब से मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।

माँ रानी की तसवीर | विकुल शर्मा | अनन्य | पूर्ण गीत | चैनल दिव्य

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