मिलता नसीबों से दर ये तुम्हारा है

मिलता नसीबों से दर ये तुम्हारा है

सूनी सी ज़िन्दगी में, आया बहार बनके,
रोया कहीं सुदामा, आया तू यार बनके,
जिसपे तेरी रहमत, उसका जग सारा है,
मिलता नसीबों से, दर ये तुम्हारा है,
मिलती है है हर खुशियां, जिसे तेरा सहारा है।

दुनिया से हार करके, आया तेरी शरण में,
जैसा भी हूँ मैं बाबा, रख ले तेरी शरण में,
श्याम तेरी चौखट, घर ये हमारा है,
मिलता नसीबो से  दर ये तुम्हारा है,
मिलती है है हर खुशियां, जिसे तेरा सहारा है।

समझा जिसे भी अपना, उसने ही छल किया है,
बदहाल बेबसी में, तूने ही बल दिया है,
राजू कहे बाबा तू, सबसे ही न्यारा है,
मिलता नसीबो से  दर ये तुम्हारा है,
मिलती है है हर खुशियां, जिसे तेरा सहारा है।

सूनी सी जिंदगी में, आया बहार बन के,
रोया कहीं सुदामा, आया तू यार बन के,
जिसपे तेरी रहमत, उसका ज़ग सारा है,
मिलता नसीबों से, दर ये तुम्हारा है,
मिलती है है हर ख़ुशियाँ , जिसे तेरा सहारा है।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन

श्याम दरबार | Shyam Darbar | Shyam Bhajan | Rajendra Agrawal Dei | मिलता नसीबो से दर ये तुम्हारा

Suni Si Zindagi Mein, Aaya Bahaar Banake,
Roya Kahin Sudaama, Aaya Tu Yaar Banake,
Jisape Teri Rahamat, Usaka Jag Saara Hai,
Milata Nasibon Se, Dar Ye Tumhaara Hai,
Milati Hai Hai Har Khushiyaan, Jise Tera Sahaara Hai.

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