नर नारी सब नरक है जब लग देह सकाम मीनिंग Nar Naari Sab Narak Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit/Hindi Meaning / Hindi Bhavarth, Kabir Dohe in Hindi
नर नारी सब नरक है, जब लग देह सकाम।कहै कबीर ते राँम के, जे सुमिरै निहकाम॥
Nar Nari Sab Narak Hai, Jab Lag Deh Sakaam,
Kahe Kabir Te Ram Ke, Je Sumire Nihkaam.
Nar Nari Sab Narak Hai, Jab Lag Deh Sakaam,
Kahe Kabir Te Ram Ke, Je Sumire Nihkaam.
नर नारी सब नरक है : नर और नारी सब नरक हैं.
जब लग देह सकाम : जब तक वे काम भावना से प्रेरित हैं.
कहै कबीर ते राँम के : कबीर साहेब कहते हैं की ऐसे लोग राम के प्रिय हैं.
जे सुमिरै निहकाम : जो निष्काम भाव से इश्वर का सुमिरन करते हैं.
नर नारी : नर और नारी.
सब नरक है : सभी नरक तुल्य/समान हैं.
जब लग देह सकाम : जब तक वे शरीर से कामना युक्त हैं.
देह : तन, मानव शरीर.
सकाम : काम भावना से प्रेरित, काम भावना में लिप्त.
कहै कबीर: कबीर साहेब कहते हैं.
ते : ऐसे लोग (जो काम भावना से मुक्त होकर)
राँम के : इश्वर के हैं.
जे : जो.
सुमिरै : सुमिरण, सतत चिन्तन.
निहकाम : निष्काम, काम भावना से मुक्त होकर.
जब लग देह सकाम : जब तक वे काम भावना से प्रेरित हैं.
कहै कबीर ते राँम के : कबीर साहेब कहते हैं की ऐसे लोग राम के प्रिय हैं.
जे सुमिरै निहकाम : जो निष्काम भाव से इश्वर का सुमिरन करते हैं.
नर नारी : नर और नारी.
सब नरक है : सभी नरक तुल्य/समान हैं.
जब लग देह सकाम : जब तक वे शरीर से कामना युक्त हैं.
देह : तन, मानव शरीर.
सकाम : काम भावना से प्रेरित, काम भावना में लिप्त.
कहै कबीर: कबीर साहेब कहते हैं.
ते : ऐसे लोग (जो काम भावना से मुक्त होकर)
राँम के : इश्वर के हैं.
जे : जो.
सुमिरै : सुमिरण, सतत चिन्तन.
निहकाम : निष्काम, काम भावना से मुक्त होकर.
कबीर साहेब की वाणी है की इस जगत के सभी ऐसे नर और नारी नरक के समान ही हैं जो काम भावना से प्रेरित होकर रहते हैं. ऐसे लोग / व्यक्ति संसार में भक्ति नहीं कर सकते हैं क्योंकि वे विषय वासनाओं में पड़े हुए हैं, विषय वासनाओं में लिप्त हैं. वे काम भावना से युक्त रहते हैं. लेकिन जो काम भावना से मुक्त हो जाते हैं, काम भावना का त्याग कर देते हैं वे ही सच्चे राम भक्त होते हैं.
अतः विषय वासनाओं से मुक्त होने के उपरान्त हृदय से इश्वर की भक्ति करने वाले ही सच्चे इश्वर के भक्त होते हैं.
अतः विषय वासनाओं से मुक्त होने के उपरान्त हृदय से इश्वर की भक्ति करने वाले ही सच्चे इश्वर के भक्त होते हैं.
भजन श्रेणी : कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग