मानि महातम प्रेम रस, गरवातण गुण नेह मीनिंग Mani Mahatam Prem Ras Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
मानि महातम प्रेम-रस, गरवातण गुण नेह।ए सबहीं अहला गया, जबहीं कह्या कुछ देह॥
Mani Mahatam Prem Ras, Gartavan Gun Neh,
Aie Sabahi Ahala Gaya, Jabahi Kahya Kuch Deh.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
मान, महत्त्व, प्रेम रस, गौरव गुण तथा स्नेह सभी बाढ़ में बाह जाते हैं और जब किसी मनुष्य कुछ देने के लिए कहा जाता है जो सब गुण नष्ट हो जाते हैं। आशय है की आशय है की किसी व्यक्ति से किसी वस्तु की याचना करते ही सम्मान, महातम्य, प्रेमभाव, गौरव, गुण और स्नेह आदि सभी का नाश हो जाता है। कबीर साहेब ने अनेकों स्थान पर भिक्षा और याचना से कोई प्रदार्थ, धन सम्पदा प्राप्त करने को उचित नहीं माना है। अतः व्यक्ति को चाहिये की वह अपने गौरव को बनाए रखें और अपने कर्म से धन कमाने पर विचार करना चाहिए।
In adversity, respect, importance, the essence of love, qualities of pride, and affection all vanish, and when someone is asked to give something, all these virtues are lost. The implication is that when a person is asked for something, all respect, significance, affection, pride, virtues, and affection are lost.
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- कबीर प्रेम न चाषिया मीनिंग Kabir Prem Na Chakhiya Hindi Meaning
- बिरह भुवंगम पैसि करि मीनिंग Birah Bhuvangam Pesi Kari Hindi Meaning Kabir Dohe
- हौं बिरहा की लाकड़ी मीनिंग Ho Biraha Ki Laakadi Meaning Kabir Dohe
- चोट सताड़ी बिरह की मीनिंग Chot Sataadi Birah Ki Hindi Meaning
- कबीर हसणाँ दूरि करि हिंदी मीनिंग Kabir Hasana Dori Kari Hindi Meaning
- जौ रोऊँ तो बल घटे हिंदी मीनिंग Jo Rou To Bal Ghate Hindi Meaning
कबीर साहेब के दोहों की पीडीऍफ़ डाउनलोड करें Download Kabir Dohe PDF (Free Download) -