नाना भोजन स्वाद सुख नारी सेती रंग मीनिंग Nana Bhojan Swad Sukh Meaning Kabir Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Meaning/Kabir Dohe Hindi Bhavarth/Dohe in Hindi
नाना भोजन स्वाद सुख, नारी सेती रंग।बेगि छाँड़ि पछताइगा, ह्नै है मूरति भंग॥
Nana Bhojan Swad Sukh, Naari Seti Rang,
Begi Chadi Pachhtaiyga, Hve Hai Murati Bhang.
Nana Bhojan Swad Sukh, Naari Seti Rang,
Begi Chadi Pachhtaiyga, Hve Hai Murati Bhang.
नाना भोजन स्वाद सुख : विविध प्रकार के भोजन का स्वाद/सुख.
नारी सेती रंग : नारी से आसक्ति.
बेगि छाँड़ि पछताइगा : जल्दी छोड़ दे, वरना पछतायेगा.
ह्नै है मूरति भंग : जब यह मूर्ति (मानव देह) नष्ट होगी.
नाना भोजन : विविध प्रकार के, अनेकों प्रकार के.
स्वाद सुख : भोजन के स्वाद का सुख, लालसा.
नारी : कामिनी नारी.
सेती : से, सहित (नारी से )
रंग : स्नेह, आकर्षण.
बेगि : जल्दी.
छाँड़ि : छोड़ दो.
पछताइगा : पछताना.
ह्नै है : होनी है.
मूरति : मानव देह, मानव शरीर.
भंग : नष्ट, समाप्त, खंडित.
नारी सेती रंग : नारी से आसक्ति.
बेगि छाँड़ि पछताइगा : जल्दी छोड़ दे, वरना पछतायेगा.
ह्नै है मूरति भंग : जब यह मूर्ति (मानव देह) नष्ट होगी.
नाना भोजन : विविध प्रकार के, अनेकों प्रकार के.
स्वाद सुख : भोजन के स्वाद का सुख, लालसा.
नारी : कामिनी नारी.
सेती : से, सहित (नारी से )
रंग : स्नेह, आकर्षण.
बेगि : जल्दी.
छाँड़ि : छोड़ दो.
पछताइगा : पछताना.
ह्नै है : होनी है.
मूरति : मानव देह, मानव शरीर.
भंग : नष्ट, समाप्त, खंडित.
कबीर साहेब की वाणी है की जीवात्मा को यह समझना चाहिए की भक्ति मार्ग में क्या रूकावटे हैं. यथा साधक को कामनी नारी और विविध प्रकार के भोजन का सुख त्याग
कर देना चाहिए. जितना जल्दी हो सके तुम इसको छोड़ दो, अन्यथा जब एक रोज यह देह नष्ट हो जायेगी तब तुमको बहुत ही पछताना पड़ेगा. भाव है की सांसारिक विषय
विकारों से, नारी के प्रति आसक्ति को जितना जल्दी छोड़ा जाए उतना ही श्रेयकर होता है, अन्यथा एक रोज यह देह को भी समाप्त कर देती है. इश्वर की भक्ति में भी यह दो ही बहुत ही बड़ी बाधा होती है.
कर देना चाहिए. जितना जल्दी हो सके तुम इसको छोड़ दो, अन्यथा जब एक रोज यह देह नष्ट हो जायेगी तब तुमको बहुत ही पछताना पड़ेगा. भाव है की सांसारिक विषय
विकारों से, नारी के प्रति आसक्ति को जितना जल्दी छोड़ा जाए उतना ही श्रेयकर होता है, अन्यथा एक रोज यह देह को भी समाप्त कर देती है. इश्वर की भक्ति में भी यह दो ही बहुत ही बड़ी बाधा होती है.
भजन श्रेणी : कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग