पर नारी पर सुंदरी बिरला बंचै कोइ मीनिंग Parnari Parsundari Birala Meaning

पर नारी पर सुंदरी बिरला बंचै कोइ मीनिंग Parnari Parsundari Birala Meaning, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit /Hindi Bhavarth/Meaning in Hindi

पर नारी पर सुंदरी बिरला बंचै कोइ।
खाताँ मीठी खाँड सी, अंति कालि विष होइ॥
 
पर नारी पर सुंदरी बिरला बंचै कोइ मीनिंग Parnari Parsundari Birala Meaning

Par Nari Par Sundari, Birala Banche Koi,
Khata Meethi Khand See, Anti Kaali Vish Hoi.

पर नारी : दूसरों की स्त्री, पराई स्त्री.
पर सुंदरी : ऐसी सुंदर स्त्री जिसका स्वंय से कोई सबंध न हो.
बिरला बंचै कोइ : कोई बिरला ही बच पाता है.
खाताँ मीठी खाँड सी : खाने के समय तो वह मीठी शक्कर/चीनी/खांड जैसी लगती है.
अंति कालि विष होइ : अंत में उसके परिणाम विषकारी होते हैं.
बिरला : विरल, लाखों में कोई एक.
बंचै कोइ : बच पाता है.
खाताँ : खाते समय.
मीठी खाँड सी : अत्यंत मीठी शक्कर की जैसी लगती है.
अंति कालि : आखिर में, अंत में.
विष होइ : विषकारी होती है.
कबीर साहेब की वाणी है की पराई स्त्री और पराई सुन्दरी भले ही आकर्षक हो, लुभावनी हो लेकिन यदि इनसे व्यवहार स्थापित कर लिया जाए तो यह विषैला प्रभाव छोडती हैं. ये पूर्व में तो मीठी चीनी के सद्रश्य लगती हैं लेकिन अंत में यह व्यक्ति का नाश कर देती हैं. इस दोहे का भाव है की जीवात्मा को माया के रूप परनारी, परसुन्दरी से बच कर रहना चाहिए. यदि कोई इनके फरेब में पड़ता है तो उसका नाश होना तय होता है. प्रस्तुत साखी में/दोहे में उपमा अलंकार की व्यंजना हुई है. 
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