दसो दिशा से क्रोध की उठि अपरबल आग हिंदी मीनिंग Daso Disha Se Krodh Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit
दसो दिशा से क्रोध की उठि अपरबल आग,
शीतल संगत साध की तहां उबरिये भाग।
Daso Disha Se Krodh Ki Uthi Aparbal Aag,
Sheetal Sangat Sadh Ki Taha Ubariye Bhag.
कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning
क्रोध भाव से सम्पूर्ण संसार जल रहा है। सम्पूर्ण संसार क्रोध की अग्नि से चतुर्दिक जल रहा है, चारों दिशाओं से जल रहा है। दसों दिशाओं में जो आग लगी है वह विषय वासनाओं की है। यह अग्नि अत्यंत ही प्रबल है। ऐसे में साधू जी संगती ही शीतल है इसलिए हमें उसी की शरण में जाना चाहिए।माया सभी को विषय वासनाओं की अग्नि में जलाती है। गुरु ही अपनी शीतलता से उनको शान्ति प्रदान करते हैं। सत्य का ज्ञान ही शीतलता है।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |