थ्यावस हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Thyavas Hindi Meaning Rajasthani Dictionary

थ्यावस हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Thyavas Hindi Meaning Rajasthani Dictionary

थ्यावस राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में बोला जाने वाला शब्द है जिसका अर्थ धीरज, धैर्य होता है। हिंदी में थ्यावस का मतलब/अर्थ/मीनिंग धैर्य रखने से होता है। जैसे "तुम धैर्य रखो, सब ठीक हो जाएगा। इसे राजस्थानी में "तू थ्यावस राख, सब ठीक हो जावेलो" कहा जाएगा। ठहराव के रूप में भी "थ्यावस" का भाव आता है।  अतः राजस्थानी भाषा शब्द थ्यावस का निम्न प्रकार से अर्थ होता है।
थ्यावस Thyavas: धैर्य रखने के सन्दर्भ में थ्यावस का प्रयोग होता है।
थ्यावस : का अर्थ धैर्य होता है।
थ्यावस : का अर्थ धीरज रखना होता है। 
थ्यावस : चित्त को ठहराव मिलता।
थ्यावस Thyavas :   के समानार्थी शब्द - धैर्य, धैर्य, सब्र, सहनशीलता, धीरता, क्षमा, सबर, धैर्य, पौस्र्ष, सहन-शक्ति, सहन-शक्ति, धैर्य, सहन, मज़बूती, टिकाव, स्थिरता, हिम्मत, साहस, धैर्य,  धैर्य, चैन, शान्ति, स्थिरता, ठहराव, धैर्य, आत्मसंयम, शांति, स्थिरता, निष्क्रियता, धैर्य, सहनशीलता, शिथिलता, संजीदगी, धैर्य, धीरता, गंभीरता
थ्यावस / Thyavas : सब्र रखने के भाव में :
घाटों लागगो कोई बात नहीं, सब ठीक हो ज्यासी थ्यावस राख।
(घाटा लग गया तो कोई बात नहीं, सब्र करो, सब ठीक हो जाएगा)
(It doesn't matter if there is a loss, be patient, everything will be fine)
थ्यावस / Thyavas :  धैर्य रखने के भाव में:
जल्दी बता मन्ने अब थोड़ो सो भी थ्यावस कोणी है।
मुझे जल्दी बताओ, मेरे को अब थोड़ा सा भी सब्र नहीं है।
Tell me soon, I don't have the slightest patience now
थ्यावस / Thyavas :  शान्ति आने /रखने के भाव में (चित्त का ठहराव)
तू सारा काम करके देख लिया, अब तो थ्यावस है की कोणी।
तुमने सारे काम करके देख लिए, अब तो तुम्हे चैन है या नहीं।
You have done all the work and see whether you are at peace now or not. 

थ्यावस के उदाहरण Thyavas Rajasthani Word Examples in Hindi

थ्यावस राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। 
थ्यावस संज्ञा पु० सं० स्थेयस। थ्यावस के अर्थ -स्थिरता । ठहराव । २. धीरता । धैर्य । उ०—(क) बिन पावस तो इन्हैं थ्यावस है न सु क्यों करिये अब सो परसैं । बदरा बरसैं ऋतु में घिरि के नित हा अंखियाँ उघरी बरसैं ।—आनंदघन (शब्द०) । (ख) ज्यों कहलाय मसूसनि ऊमस क्यों हूँ कहूँ सो धरे नहिं थ्यावस ।— आनंदघन (शब्द०) । 
जलदी श्राव पिलंग पर प्यारी थ्यावस है नहिं मेरे । थ्यावस मेरे नांय अबला थ्यावस मेरे नाय । हांजी चालो झटपट बंगले माय ।
एहो सुजान तुम्हें लगे प्रान सु पावस यौं तजि थ्यावस सूके । ह घनप्रानंद जीवन - मूल , धरौ चित मैं कित चातिक - चूकै ।।
बिन पावस तौ इन थ्यावस हो न सु क्यौँ करि यौँ अब सो परसैं । बदरा बरसै रितु मैं घिरि कै नित ही अँखियाँ उघरी बरसैं ॥
जरा थ्यावस ले लालारे । कहूँ कही नहीं जाय अंग में खटके भालारे॥
एक बार सुरजा उसतें थ्यावस बंधाते होए बोल्या - न्यूं तो बता तेरी पहली घरवाली क्यूंकर मरी ?
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