Andhadhundh Andhiyara
सतगुरु की महिमा अनंत,
अनंत किया उपकार,
अनंत लोचन उघाड़िया,
अनंत दिखावण हार।
अन्धाधुन्ध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट भीतर,
बणियो रे बस्ती,
इसमें है झुण्ड पसारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट भीतर बाग़ बगीचा,
इस घट भीतर बाग़ बगीचा,
इसमें ही सींचण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट रे भीतर,
सोना रे चाँदी,
इस घट रे भीतर,
सोना रे चाँदी,
इसमें ही लगा है बाजरा (बाज़ार )
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट रे भीतर,
हीरा रे मोती,
इस घट रे भीतर,
हीरा रे मोती,
इसमें ही परखणहारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट रे भीतर,
सात समंदर,
इस घट रे भीतर,
सात समंदर,
कोय मीठा कोय खारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट भीतर,
सूरज चंदा,
इस घट भीतर,
सूरज चंदा,
इसमें ही नो लख तारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट भीतर,
बीजली रे चमके,
इस घट भीतर,
बीजली रे चमके,
नित नित करे रे उजियारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट रे भीतर,
मथुरा रे काशी,
इसमें ही गंगा की धरा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट भीतर,
देवी देवता,
इस घट भीतर,
देवी देवता,
इस में ही है ठाकुर द्वारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट भीतर,
रिद्धि रे सिद्धि,
इस घट भीतर,
रिद्धि रे सिद्धि,
इसमें है भंडारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
इस घट भीतर,
अनहद बाजे,
इसमें ही अमृत धारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
कहत है कबीरा,
सुनों गुणी साधो,
इसमें है सतगुरु हमारा,
कोई ना जानण हारा,
अंधाधुंध अँधियारा,
कोई ना जानण हारा।
संत कबीर के शब्द #andha dhund andhiyara kabir shabad by bhakat ramniwas
Sataguru Kee Mahima Anant,
Anant Kiya Upakaar,
Anant Lochan Ughaadiya,
Anant Dikhaavan Haar.