धन्य वह घर ही है मंदिर जहां होती है रामायण
जहाँ होती है रामायण,
जहाँ होती है रामायण,
धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण।
यही है कर्म की कुंजी,
यही है धर्म की पूंजी,
यही है धर्म की पूंजी,
महापतितों से पतितों के,
महापतितों से पतितों के,
भी पाप धोती है रामायण,
धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण।
यही है संतो की महिमा,
यही है विश्व की गरिमा,
यही है विश्व की गरिमा,
मुक्ति का मार्ग दिखलाती,
मुक्ति का मार्ग दिखलाती,
भजन ज्योति है रामायण,
धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण।
धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण,
जहाँ होती है रामायण,
धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण।
PD :- Dhanya Vah Ghar Hi Hai Ram Navami Special Bhajan
Singers: Chandra Bhushan Pathak | ISRC: INK902200426
“धन्य वह घर ही है मंदिर, जहाँ होती है रामायण” हमें सिखाता है कि सच्चा मंदिर वही है जहाँ श्री रामायण का पाठ और चिंतन होता है, क्योंकि यह पवित्र ग्रंथ धर्म की पूँजी और कर्म की कुंजी है। रामायण महापतितों के पापों को भी धो देती है, उन्हें मुक्ति का मार्ग दिखाती है और जीवन में भक्ति की ज्योति प्रज्वलित करती है। यह संतों की महिमा और विश्व की गरिमा का प्रतीक है, जो भक्तों को प्रभु श्री राम के चरणों में लीन होने की प्रेरणा देती है। जिस घर में रामायण गूँजती है, वह स्थान स्वयं तीर्थ बन जाता है, जहाँ प्रभु की कृपा और शांति का वास होता है। अतः, अपने हृदय और घर को रामायण की भक्ति से पवित्र करो, क्योंकि यही जीवन को सार्थक और मुक्तिदायक बनाने का सनातन मार्ग है।
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