कैता जाजो जी भला भई म्हारा सासरिया

कैता जाजो जी भला भई भजन

कबीर यह संसार है, जैसे सैमल फूल,
दिन दस के व्यवहार में, झूठे रंग ना भूल,
(यहु ऐसा संसार है जैसा सैबल फूल।
दिन दस के व्योहार को, झूठै रंगि न भूल॥)
बिरह अग्नि तन मन जलाये लागि रहा तन जीव ।
केवा जाणे बिरहणी कै जिन भेटा पीव।।

केता जाजो जी भला भाई,
केता ज्याजो जी,
कैता जाजो जी भला भाई,
कैता जाजो जी,
म्हारा सासरिया का हाल पीहर में
केता जाजो जी।

सासरिया में दुःख घणों है,
सासू नणद सतावे, हो म्हाने,
जनम मरण और गरभवास रो
दुख मौसे सह्यो न जावे,
साहिब, केता जाजो जी भला भाई,
केता ज्याजो जी,
कैता जाजो जी भला भाई,
कैता जाजो जी,
म्हारा सासरिया का हाल पीहर में
केता जाजो जी।

देवरियो म्हारो घणो हटीलो,
म्हाने घणो सतावे ओ साहेब,
म्हाने घणो सतावे ओ साहेब,
देवरियां म्हारो घणों निठल्लो,
कूड़ कप्टारी बातां बोले,
मौसे सह्यो नई जावे,
साहिब, केता जाजो जी भला भाई,
केता ज्याजो जी,
कैता जाजो जी भला भाई,
कैता जाजो जी,
इण सासरिया का हाल पीहर में
केता जाजो जी।

सासरियो संसार छोड़कर
पीयर सत्संग भावे,
पीहरिया में यूं जई कीजो
बेगा लेवा म्हारे आवे,
साहिब, केता जाजो जी भला भाई,
केता ज्याजो जी,
कैता जाजो जी, भला भाई,
कैता जाजो जी,
म्हारा सासरिया का हाल पीहर में
केता जाजो जी।

बार बार हूँ करूँ विनती,
अरज सुण लीजो हो दयालु,
साहेब कबीर मुक्ति के दाता
बेड़ा पार लगाजो हो साहेब,
साहिब, केता जाजो जी भला भाई,
केता ज्याजो जी,
कैता जाजो जी भला भाई,
कैता जाजो जी,
म्हारा सासरिया का हाल पीहर में
केता जाजो जी।
 
भजन श्रेणी : कबीर भजन (Read More : Kabir Bhajan) 

कैता जाजो जी भला भई || Keta Jaajo Ji bhala Bhai

Kabir Yah Sansaar Hai, Jaise Saimal Phul,
Din Das Ke Vyavahaar Mein, Jhuthe Rang Na Bhul,
(Yahu Aisa Sansaar Hai Jaisa Saibal Phul.
Din Das Ke Vyohaar Ko, Jhuthai Rangi Na Bhul.)
Birah Agni Tan Man Jalaaye Laagi Raha Tan Jiv .
Keva Jaane Birahani Kai Jin Bheta Piv..
Next Post Previous Post