करवा चौथ का दिन आया, चंदा अम्बर पे छाया है, सज धज के अपनी सजनी का, रूप सांवरिया को भाया है, मेरे साजना, मेरी उम्र भी, लग जाए तुझको, दुआएं माँगे कंगना, मेरे साजना, मेरे हाथों में संग मेहंदी के, रंग तेरा सजता, चाँद जो देखूं छलनी के पीछे, चेहरा तेरा दीखता,
तेरी पसंद की चूड़ी पहनी, तेरे नाम की मेहंदी रचाई, तेरी प्रीत की चुनर ओढ़ी, तेरी याद की बिंदिया लगाईं,
Karwa Choth Bhajan KarawaChouthKeBhajan
(तेरी पसंद की चूड़ी पहनी, तेरे नाम की मेहंदी रचाई, तेरी प्रीत की चुनर ओढ़ी, तेरी याद की बिंदिया लगाईं,) मेरे साजना, मेरे साजना, मेरी उम्र भी, लग जाए तुझको, दुआएं माँगे कंगना, मेरे साजना। (करवा चौथ का दिन आया, चंदा अम्बर पे छाया है, सज धज के अपनी सजनी का,
रूप सांवरिया को भाया है )
तेरी ही धुन मैं गाऊं, मैं सातों जनम तुझे पाऊं, जब जब धरती पे आऊं, तेरी ही दुल्हन बन जाऊं, (तेरी ही धुन मैं गाऊं, मैं सातों जनम तुझे पाऊं, जब जब धरती पे आऊं, तेरी ही दुल्हन बन जाऊं,) मेरे साजना, मेरे साजना, मेरी उम्र भी, लग जाए तुझको, दुआएं माँगे कंगना, मेरे साजना। (करवा चौथ का दिन आया, चंदा अम्बर पे छाया है, सज धज के अपनी सजनी का, रूप सांवरिया को भाया है )