तू जो दया जरा सी कर दे सर पे हाथ मेरे माँ धर दे लिरिक्स Tu Jo Daya Jara See Kar De Lyrics

तू जो दया जरा सी कर दे सर पे हाथ मेरे माँ धर दे लिरिक्स Tu Jo Daya Jara See Kar De Lyrics, Mata Rani Bhajan by Lakhbir Singh Lakkha


Latest Bhajan Lyrics

जरा दे दो माँ चरणों मे सहारा,
मैं भी आया हूँ,
सुना है दर पे तेरे इस जहान की,
हर खुशी मिलती,
जगा दो सोई किस्मत का सितारा,
मैं भी आया हूँ।

तू जो दया जरा सी कर दे,
सर पे हाथ मेरे माँ धर दे,
हो जाये दुखड़े दूर,
कट जाये हर एक विपदा मेरी,
मैं खड़ा द्वारे पे,
पल पल करूँ मैं विनती तेरी,
माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल,
करूँ मैं विनती तेरी।

तेरी किरपा हो जाए,
बिगड़े काम बने सब मैयां,
मैं रब को ना मानूँ,
मेरे लिए तू ही रब मैया,
तेरी जोत जगे दिन,
दुनियां माने शक्ति तेरी,
मैं खड़ा द्वारे पे,
पल पल करूँ मैं विनती तेरी,
माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल,
करूँ मैं विनती तेरी।

कहते हैं तेरे दिल में,
नदियां ममता की है बहती,
करे प्यार दुलार बड़ा,
तू भक्तो के अंग संग रहती,
तेरी दया का अंत नहीं,
कर दे दूर मुसीबत मेरी,
मैं खड़ा द्वारे पे,
पल पल करूँ मैं विनती तेरी,
माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल,
करूँ मैं विनती तेरी।

मूरख अज्ञानी हूँ,
मुझको ज्ञान नहीं है कोई,
तेरी महिमा क्या जानूँ,
पूजा ध्यान नहीं है कोई,
ग़र खोल से अंखिया तू,
फिर तो खुल जाए किस्मत मेरी,
मैं खड़ा द्वारे पे,
पल पल करूँ मैं विनती तेरी,
माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल,
करूँ मैं विनती तेरी।

जग जननी ऐ माता,
जोतावाली वाली शेरों वाली,
तू चाहे तो भर दे पल में,
भक्त की खाली झोली,
कहे फिर तू भँवर में,
नैया फंसी है नैया मेरी,
मैं खड़ा द्वारे पे,
पल पल करूँ मैं विनती तेरी,
माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल,
करूँ मैं विनती तेरी।

तू जो दया जरा सी कर दे,
सर पे हाथ मेरे माँ धर दे,
हो जाये दुखड़े दूर,
कट जाये हर एक विपदा मेरी,
मैं खड़ा द्वारे पे,
पल पल करूँ मैं विनती तेरी,
माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल,
करूँ मैं विनती तेरी।



Tu Jo Daya Jara Si Kar De .....Sar Pe Hath Jara Maa Dhar De...

Jara De Do Maan Charanon Me Sahaara,
Main Bhi Aaya Hun,
Suna Hai Dar Pe Tere Is Jahaan Ki,
Har Khushi Milati,
Jaga Do Soi Kismat Ka Sitaara,
Main Bhi Aaya Hun.

Tu Jo Daya Jara Si Kar De,
Sar Pe Haath Mere Maan Dhar De,
Ho Jaaye Dukhade Dur,
Kat Jaaye Har Ek Vipada Meri,
Main Khada Dvaare Pe,
Pal Pal Karun Main Vinati Teri,
Maan Main Khada Dvaare Pe Pal Pal,
Karun Main Vinati Teri.

Teri Kirapa Ho Jae,
Bigade Kaam Bane Sab Maiyaan,
Main Rab Ko Na Maanun,
Mere Lie Tu Hi Rab Maiya,
Teri Jot Jage Din,
Duniyaan Maane Shakti Teri,
Main Khada Dvaare Pe,
Pal Pal Karun Main Vinati Teri,
Maan Main Khada Dvaare Pe Pal Pal,
Karun Main Vinati Teri.

Kahate Hain Tere Dil Mein,
Nadiyaan Mamata Ki Hai Bahati,
Kare Pyaar Dulaar Bada,
Tu Bhakto Ke Ang Sang Rahati,
Teri Daya Ka Ant Nahin,
Kar De Dur Musibat Meri,
Main Khada Dvaare Pe,
Pal Pal Karun Main Vinati Teri,
Maan Main Khada Dvaare Pe Pal Pal,
Karun Main Vinati Teri.

Murakh Agyaani Hun,
Mujhako Gyaan Nahin Hai Koi,
Teri Mahima Kya Jaanun,
Puja Dhyaan Nahin Hai Koi,
Gar Khol Se Ankhiya Tu,
Phir To Khul Jae Kismat Meri,
Main Khada Dvaare Pe,
Pal Pal Karun Main Vinati Teri,
Maan Main Khada Dvaare Pe Pal Pal,
Karun Main Vinati Teri.

Jag Janani Ai Maata,
Jotaavaali Vaali Sheron Vaali,
Tu Chaahe To Bhar De Pal Mein,
Bhakt Ki Khaali Jholi,
Kahe Phir Tu Bhanvar Mein,
Naiya Phansi Hai Naiya Meri,
Main Khada Dvaare Pe,
Pal Pal Karun Main Vinati Teri,
Maan Main Khada Dvaare Pe Pal Pal,
Karun Main Vinati Teri.

Tu Jo Daya Jara Si Kar De,
Sar Pe Haath Mere Maan Dhar De,
Ho Jaaye Dukhade Dur,
Kat Jaaye Har Ek Vipada Meri,
Main Khada Dvaare Pe,
Pal Pal Karun Main Vinati Teri,
Maan Main Khada Dvaare Pe Pal Pal,
Karun Main Vinati Teri.
"जरा दे दो माँ चरणों मे सहारा, मैं भी आया हूँ"
यह भजन एक भक्त की माँ से प्रार्थना है। भक्त अपनी माँ से अपने लिए सहारा और आशीर्वाद मांगता है। वह कहता है कि वह अपनी माँ के दरबार में आया है, क्योंकि वह जानता है कि उसकी माँ ही उसे हर संकट से बचा सकती है।

"सुना है दर पे तेरे इस जहान की, हर खुशी मिलती"
भक्त ने सुना है कि उसकी माँ का दरबार सभी खुशियों का घर है। वह अपनी माँ से प्रार्थना करता है कि वह उसे भी इन खुशियों से लाभान्वित करे।

"जगा दो सोई किस्मत का सितारा, मैं भी आया हूँ"
भक्त की किस्मत सोई हुई है। वह अपनी माँ से प्रार्थना करता है कि वह उसकी किस्मत को जगाए और उसे सफलता प्रदान करे।

"तू जो दया जरा सी कर दे, सर पे हाथ मेरे माँ धर दे"
भक्त अपनी माँ से प्रार्थना करता है कि वह उस पर अपनी दया करे और उसे अपने सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दे। वह मानता है कि उसकी माँ की दया से उसके सभी दुख और कष्ट दूर हो जाएंगे।

"हो जाये दुखड़े दूर, कट जाये हर एक विपदा मेरी"
भक्त अपनी माँ से प्रार्थना करता है कि वह उसके दुखों और कष्टों को दूर करे। वह मानता है कि उसकी माँ ही उसे सभी विपदाओं से बचा सकती है।

"मैं खड़ा द्वारे पे, पल पल करूँ मैं विनती तेरी"
भक्त अपनी माँ के दरबार में खड़ा है और पल-पल उसकी विनती करता है। वह मानता है कि उसकी माँ की कृपा से उसे अवश्य ही सफलता मिलेगी।

"माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल, करूँ मैं विनती तेरी"
भक्त अपनी माँ से प्रार्थना करता है कि वह उसकी विनती सुन ले और उसे आशीर्वाद दे। यह भजन एक भक्त की माँ के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। भक्त अपनी माँ को अपना सर्वस्व मानता है और उसकी शरण में आकर सभी दुखों और कष्टों से छुटकारा पाने की उम्मीद करता है।
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