तू श्याम रिझा के देख, तेरी बिगड़ी बनाएगा, तू अरजी लगा के देख, तेरे काम वो आयेगा, तू श्याम रिझा के देख, तेरी बिगड़ी बनाएगा।
जितनी मुश्किल आई, सारी टल जायेगी, दिन बदलेंगे तेरे, खुशियां घर आएँगी, बाबा की ज्योत जगा, भण्डार वो भर देगा, तू श्याम रिझा के देख, तेरी बिगड़ी बनाएगा।
कागज के पत्ते भी, तब नोट कहायेंगे, भूले थे तुझे एक दिन, वो लौट के आएंगे, एक बार तेरा फिर से, सिक्का वो चलाएगा, तू श्याम रिझा के देख, तेरी बिगड़ी बनाएगा।
संकट के बादल भी, ऐसे छंट जाएंगे, सूखे पत्ते भी तेरा, आंगन महकायेंगे, साथी तू बना गोविन्द, रस्ता वो दिखायेगा, तू श्याम रिझा के देख, तेरी बिगड़ी बनाएगा।
तू श्याम रिझा के देख, तेरी बिगड़ी बनाएगा, तू अरजी लगा के देख, तेरे काम वो आयेगा, तू श्याम रिझा के देख, तेरी बिगड़ी बनाएगा।